Big News: पुलिस ने एक बड़े गिरोह का किया पर्दाफाश

punjabkesari.in Sunday, Aug 27, 2023 - 10:50 AM (IST)

पठानकोट : पठानकोट पुलिस ने एक कुख्यात नेपाली गिरोह का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है जो अनोखे तरीके से काम करता था। ये गिरोह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने से पहले पेशेवर रसोइया या घरेलू नौकर होने का नाटक करके लोगों के घरों में प्रवेश करते थे और घर के लोगों को बेहोश करके वहां से कीमती सामान और पैसा लूटकर भाग जाते थे। इस नेपाली गैंग का संचालन कई राज्यों तक फैला हुआ है। 

मास्टरमाइंड की पहचान हिकमत खड़का निवासी गांव गाओ फुलवारी, जिला कालीली नेपाल और उसके साथी धर्म राज बोहरा गांव धनगरी, जिला कालीली नेपाल के रूप में हुई है। जिसे अलग-अलग इलाकों में विस्तृत जांच के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और नेपाल समेत विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरकमल प्रीत सिंह खख ने मीडिया को आगे जानकारी देते हुए कहा कि मधु सूदन ने पुलिस को शिकायत कि थी कि उनके दोस्त का आवास गिरोह के व्यवस्थित दृष्टिकोण का शिकार हो गया है। 13.05.2023 की रात के दौरान गिरोह के रसोइये हरीश रुकाया ने मुनीश पुद्दार के आवास पर हमला करने की योजना बनाई, जो अस्थायी रूप से विदेश में था।

गिरोह ने सफलतापूर्वक घर के सदस्यों को बेहोश कर दिया और नकदी, सोने के गहने और एक लाइसेंसी पिस्तौल लेकर भाग गए थे। इस डकैती में इंस्पेक्टर राजेश हस्तिर के नेतृत्व में एक विशेष टीम सी.आई. स्टाफ की देखरेख में इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर, मुख्य अधिकारी पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 1, तकनीकी और साइबर विशेषज्ञ उप-निरीक्षक मोहित टाक और एस.आई. साहिल पठानिया शामिल थे। जिसकी निगरानी डी.एस.पी. सिटी लखविंदर सिंह रंधावा ने की है। मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना डिवीजन नंबर 1 में धारा 457, 381, 328, 427, 120-बी आई.पी.सी. के तहत एफ.आई.आर. नंबर 43 दिनांक 14.05.2023 दर्ज करके जांच शुरू की गई थी। 

सी.सी.टी.वी. फुटेज की जांच के बाद अहम सुराग सामने आए, पुलिस अधिकारियों को आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई गाड़ी नंबर डी.एल-1 जेड़ डी-2671 मॉडल स्विफ्ट के बारे में पता चला जिसकी मदद से पुलिस पार्टी ने उचित ट्रैकिंग प्रक्रिया के माध्यम से हरीश रुकैया सहित आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच में पता चला कि गिरोह की पहुंच विभिन्न राज्यों तक है। विशेष रूप से, पहचाने गए वाहन के चालक कमल सिंह राघव, प्रबंधक रविंदर कुमार और राज कुमार के सुरागों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई हैं। 

इसके बाद, एस.आई. मोहित टाक और ए.एस.आई. दलबीर सिंह को पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 1 की एक पुलिस टीम के साथ मामले की जांच के लिए बैंगलुरु शहर भेजा गया, जिससे वहां छिपे हुए दो मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। दोनों आरोपी नेपाल के रहने वाले हैं जिन्हें ट्रांजिट रिमांड पर वापस पठानकोट लाया गया है। पूछताछ के क्रम में गिरफ्तार लोगों से कई अहम जानकारियां मिलीं। इसके बाद उनकी निशानदेही पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य से 56,41,000 रुपए की राशि एक हथियार और 37 ग्राम और 30 मिलीग्राम सोने के झुमके की एक जोड़ी सहित सोने के सिक्कों की तिकड़ी को सफलतापूर्वक बरामद किया गया है। 

दोनों आरोपी विभिन्न न्यायालयों में कई मामलों में शामिल थे, जो इस गिरोह की दूरगामी आपराधिक गतिविधियों को दर्शाता है। इनका काम दिल्ली, उत्तर प्रदेश, नेपाल और अन्य इलाकों में फैला हुआ है। स्थानीय कोर्ट ने आरोपी को 10 दिन की रिमांड पर लिया है और आरोपी से पूछताछ जारी है। पुलिस टीमें फिलहाल गिरोह के बाकी सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं, क्योंकि और भी बरामदगी की उम्मीद है। एस.एस.पी. खख ने आगे कहा कि नेपाली गिरोह खाना पकाने या घरेलू सेवाओं की पेशकश के बहाने घरों में प्रवेश करते थे और घरों में प्रवेश करने के बाद, रहने वालों को शामक का उपयोग करके बेहोश कर देते थे और कीमती सामान लेकर भाग जाते थे। एस.एस.पी. खख ने आम जनता से सभी घरेलू सहयोगियों का व्यापक सत्यापन करने का आग्रह किया है, जिससे ऐसी आपराधिक घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावना कम हो सके।

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News Editor

Urmila