Big News : पंजाब का यह National Highway रहेगा बंद, जानें कब और क्यों ?
punjabkesari.in Sunday, Sep 08, 2024 - 09:08 PM (IST)
लुधियाना (सहगल): पिछले लंबे समय से (चार से छह माह तक) लुधियाना जिले के चार गांवों में से तीन गांव भुंदडी, अखाड़ा, मुशकाबाद में निर्माणाधीन और घुंघराली राजपूतों के यहां चल रही बायोगैस फैक्ट्री के खिलाफ लगातार दिन-रात संघर्ष के मोर्चे चल रहे हैं। किसी क्रम में 10 सितंबर को विभिन्न गांवों तथा संगठनों के लोगों ने मिलकर दिल्ली हाईवे जाम करने का ऐलान किया है। इससे पहले लोगों ने अपना रोष प्रकट करने के लिए ट्रैक्टर मार्च, एसएचडीएम को मांग पत्र, क्षेत्र विधायक को मांग पत्र, संबंधित गांवों और सभी इलाकों में उनके घरों के सामने विरोध प्रदर्शन कर चुके है। 11 जून को किसान संगठनों के समर्थन से दो हजार पुरुषों और महिलाओं ने डीसी कार्यालय लुधियाना के सामने विरोध प्रदर्शन किया था।
खन्ना तहसील के घुंघराली राजपूतों के गांव में दो साल से चल रही बायोगैस फैक्ट्री की दुर्गंध से लोग लगातार नर्क झेल रहे हैं। बीमारियाँ और चर्म रोग फैल रहे हैं। यह जानकारी देते हुए ड्रग डिस्कवरी साइंटिस्ट बीएफ औलख ने बताया कि पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की ओर से निजी क्षेत्र को भारी सब्सिडी देकर पूरे पंजाब में ये प्लांट लगाने के लिए लाइसेंस दिए जा रहे हैं। ये सभी फैक्ट्रियां ग्राम सभा और पंचायत की आपत्ति के बिना गांव की आबादी के पास स्थापित की जा रही हैं।
डॉ. बीएस लाख ने बताया कि ये फैक्ट्रियां जालंधर जिले के भोगपुर, कंधौला जट, बिंजो, पटियाला जिले के ककराला गांव में भी लगाई जा रही हैं। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने लगातार विरोध के बावजूद सात और बायोगैस प्लांट लगाने की मंजूरी दे दी है। इस मामले में सभी मोर्चों की समन्वय समिति की पंजाब सरकार के मुख्य सचिव वीके सिंह के साथ दो बैठकें हो चुकी हैं। पंजाब सरकार के इन गलत फैसलों के कारण समन्वय समिति द्वारा 10 सितंबर को बीजा (खन्ना) दिल्ली जीटी रोड पर गांव की आबादी के पास बन रहे गैस प्लांटों को बंद कर लोगों को कैंसर की भट्ठी में झोंका जाएगा। तालमेल कमेटी पंजाब भर में लोगों की इच्छा के विरुद्ध स्थापित की जा रही ऐसी कैंसर फैक्ट्रियों को स्थाई रूप से बंद करवाने के लिए आने वाले समय में संघर्ष तेज करेगी, इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पंजाब सरकार को चेतावनी दी गई है कि भगवंत मान सरकार ऐसा करेगी दमन का रास्ता चुनने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।