बहुचर्चित बिल्ला हत्याकांड में पुलिस की किरकिरी, मुख्य आरोपी राजन कोचर बाइज्जत बरी

punjabkesari.in Friday, May 18, 2018 - 07:50 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): शहर के बहुचर्चित पाल गारमैंट के मालिक अनिल कुमार बिल्ला हत्याकांड में वीरवार को अदालत का बड़ा फैसला आया है व सैशन जज एस.के. गर्ग की अदालत ने मुख्य आरोपी राजन कोचर को सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया है। पूरे केस में कमिश्नरेट पुलिस की जमकर किरकिरी हुई है जो राजन कोचर के खिलाफ अदालत में पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई और अदालत ने भी उसकी प्रॉसीक्यूशन को बेहद कमजोर माना।

गौर हो कि 3 जून 2016 को मनी चेंजर अनिल कुमार बिल्ला की दिन-दिहाड़े प्रैस क्लब के पास गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारा एक्टिवा पर आया था और बिल्ला की जान-पहचान का बताया जा रहा था। हत्या करने से पहले हत्यारा बिल्ला की कार में जाकर बैठा था और सिर पर गोली मारकर बिल्ला की हत्या कर दी थी। बिल्ला पर हवाला कारोबार करने का आरोप भी था तो पुलिस ने आशंका जाहिर की थी कि बिल्ला की हत्या सुपारी देकर करवाई गई है और हत्या के पीछे कारोबारी रंजिश भी हो सकती है।

पुलिस ने बिल्ला के तमाम मोबाइल कब्जे में लेकर कॉल डिटेल खंगाली थी और किन-किन से बिल्ला का बिजनैस था, यह भी गहराई से जांचा गया था, मगर वह किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी। बाद में 2 जुलाई को पुलिस ने इस केस में जे.के. टूल्स के पार्टनर राजन कोचर को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने अपनी थ्यूरी में बताया था कि राजन कोचर का बिल्ला के साथ बिजनैस लेन-देन था और राजन कोचर बिल्ला के लिए अरब देशों से टी.टी. (टैलीग्राफिक ट्रांसफर) भी करता था। जिस दिन मर्डर हुआ था, उस दिन राजन कोचर के घर के सभी सी.सी.टी.वी. कैमरे में भी बंद थे व जिस एक्टिवा पर हत्यारा आया था, वह भी राजन कोचर की एक्टिवा से मिलती थी।

बिल्ला के कुछ परिजनों ने भी राजन कोचर के साथ अनिल बिल्ला के व्यापार की बात तो मानी थी, मगर कारोबारी रंजिश थी पर कुछ नहीं बोला था। इस थ्यूरी पर पुलिस ने राजन कोचर को गिरफ्तार कर लिया था, मगर पहले दिन से ही पुलिस की थ्यूरी में कई छेद नजर आ रहे थे। ऐसे लग रहा था कि मीडिया के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने इस केस को निपटाने के चक्कर में ट्रेस के खाते में डाल दिया था। जिसका डर था, अदालत में वही हुआ। एक तरफ राजन कोचर के वकील संदीप बांसल ने मजबूती से अदालत में हर पक्ष रखा तो दूसरी तरफ सरकारी वकील व पुलिस की प्रॉसीक्यूशन अदालत में फेल होती नजर आई। आखिरकार जिला सैशन जज एस.के. गर्ग की अदालत ने सबूतों के अभाव में राजन कोचर को बरी कर दिया।

क्या था पुलिस द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. में
थाना डिवीजन नंबर 4 में अनिल बिल्ला के छोटे भाई राजेश कुमार के बयान पर पुलिस ने केस दर्ज किया था जिसमें राजेश ने बताया था कि बिल्ला पाल गारमैंट व फैक्टरी का काम करता था। बिल्ला रोजाना होटल रमाडा के जिम में सुबह 8 बजे जाता था। 3 जून 2016 को भी वह अपनी फॉच्र्यूनर गाड़ी (पी.बी.-08 बीडबल्यू-8006) में होटल रमाडा जिम के लिए निकला था कि 11.30 बजे के करीब पिता को फोन आया था कि बिल्ला का कत्ल हो गया है। एफ.आई.आर. में किसी पर भी शक जाहिर नहीं किया गया था। पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज करते समय कई तथ्यों को छुपाया था। महज एक पेज की एफ.आई.आर. में पुलिस ने किसी तथ्य पर गंभीरता से काम नहीं किया था। यहां तक कि 3 जून 2016 को हुए मर्डर में एक जगह 3 फरवरी 2016 तक लिखा हुआ है। 

Anjna