डायरैक्टर सिद्धू के समय पर हुए हर  कार्य की हो जांच : बीर दविन्दर

punjabkesari.in Wednesday, Apr 18, 2018 - 08:54 AM (IST)

फतेहगढ़ साहिब(बख्शी): माता गुजरी कालेज फतेहगढ़ साहिब में जिस समय डा. जतिन्दर सिंह सिद्धू बतौर प्रिंसीपल तैनात थे, उस समय में की गई नियुक्तियों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। ये शब्द बीर दविन्दर सिंह पूर्व डिप्टी स्पीकर पंजाब विधान सभा ने जारी प्रैस बयान में कहे। 


उन्होंने कहा कि सिद्धू के समय दौरान कथित तौर पर सामने आए फंड घपलों की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जानकारी के अनुसार सिद्धू के समय दौरान कथित तौर पर भर्ती किए अध्यापकों-कर्मचारियों का वेतन और भत्ते भी डा. सिद्धू की मर्जी अनुसार तय हुए हैं। माता गुजरी हॉस्टल के निर्माण के लिए भी कथित तौर पर बड़ी बेनियमियां हुई हैं। 


सरकारी पैंशन लेने वाला व्यक्ति कैसे फिर सरकारी सहायता प्राप्त कालेज में लगकर दोबारा पूरा वेतन लेता रहा। उन्होंने कहा कि इस तरह डाक्टर सिद्धू ने पंजाब सरकार के खजाने को 50 से 60 लाख तक का चूना लगाया है, जिसकी जांच पंजाब के मुख्य लेखाकार के दफ्तर और पंजाब के डी.पी.आई. (कालेजों) की तरफ से तुरंत करनी बनती है।


बीर दविन्दर ने कहा कि उपरोक्त मामले की दृष्टि में यह जरूरी है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपने शिक्षा डायरैक्टर डा. जतिन्दर सिंह सिद्धू को तुरंत सेवामुक्त करके सभी मामलों की पड़ताल करवाए। अगर ऐसा नहीं होता तो डा. सिद्धू सिख कौम की शैक्षिक संस्थाओं में बड़े वित्तीय घपले और प्रबंधक बेनियमियां कर इन शैक्षिक संस्थाओं की मान-मर्यादा और गौरव को भी नुक्सान पहुंचा सकते हैं। 


उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में सिख गुरुद्वारा ज्यूडीशियल कमीशन, मुख्य लेखाकार पंजाब, डी.पी.आई. (कालेजों) पंजाब और पुडा को भी इस मामले की पड़ताल करने के लिए लिख कर भेज रहे हैं। इस संबंधी डा. सिद्धू अपने पर लग रहे आरोपों को झूठा बता रहे हैं। 
 

Sonia Goswami