भाजपा को दिल्ली में शिअद का साथ बनाम डूबते को तिनके का सहारा!

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2020 - 10:41 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): दिल्ली विधानसभा चुनावों में जिस प्रकार से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भाजपा के बीच दरार बढ़ती जा रही थी, उसे रोकने के लिए आखिर आसुखबीर बादल ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान जे.पी. नड्डा के साथ कई घंटे बैठक करके बाद में एक प्रैस कॉन्फ्रैंस में ऐलान किया कि शिअद और भाजपा चाहे हरियाणा या दिल्ली में एक-दूसरे के साथ नहीं खड़े हुए पर उनका गठबंधन अटल है। सुखबीर ने प्रैस कॉन्फ्रैंस में गठबंधन को जरूरत का नहीं बल्कि भावनाओं का रिश्ता बताया और ऐलान किया कि दिल्ली में शिअद की सारी इकाई और वर्कर भाजपा को समर्थन देंगे। मामले बारे जब दिल्ली में शिअद के कुछ नेताओं और वर्करों से बात की गई तो पता चला कि सुखबीर की बात और दिल्ली में शिअद के वर्करों की बातों में बड़ा फर्क है।

भाजपा को जिस प्रकार से दिल्ली में लोगों का ठंडा साथ मिल रहा है, उससे भाजपा के लिए यह जरूरी हो गया था कि अपने गठबंधन के सहयोगियों की नाराजगी मोल न ली जाए। ऐसे में भाजपा हाईकमान ने पहले सिख नेता सरना को अपनी ओर किया और फिर आज सुबह मनजीत सिंह जी.के. से भाजपा को समर्थन का ऐलान करवा दिया। आखिर सुखबीर ने भी शाम होते होते भाजपा को समर्थन का ऐलान करके डूबते को तिनके का सहारा देने में ही भलाई समझी है।  

50 फीसदी शिअद वर्कर नहीं देंगे भाजपा का साथ
मामले बारे जब हमने दिल्ली के अकाली दल के वर्करों व नेताओं से बात की तो उनमें से आधे से ज्यादा लोगों ने साफ कहा कि जिस प्रकार भाजपा ने चुनावों के ऐलान के बाद अकाली दल के साथ व्यवहार किया है और अकाली दल के नेताओं की बनी बनाई चुनावी जमीन पैरों के नीचे से खिसकाई है, उसके बाद यह संभव नहीं है कि शिअद वर्कर भाजपा का साथ दें।  एक शिअद नेता ने कहा कि पार्टी प्रधान ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है तो इतना जरूर होगा कि जिन सीटों पर सिख उम्मीदवार होंगे वहां अकाली दल की वोट भाजपा के सिख उम्मीदवार के  साथ बंट जाए लेकिन जिन सीटों पर भाजपा ने ङ्क्षहदू उम्मीदवार खड़े किए हैं, वहां शिअद की 50 प्रतिशत वोटें भाजपा के खाते में नहीं जाएगी। वहां वोट ‘आप’ को पड़ेगी और इस बात का पार्टी प्रधान को भी पता है।

जी.के. को लेकर अकाली दल पशोपेश में
आज सुबह दिल्ली में डी.एस.जी.एम.सी. के पूर्व प्रधान व शिअद के पूर्व नेता मनजीत सिंह जी.के. ने जैसे ही भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया वैसे ही शिअद (बादल) में हलचल तेज हो गई। 2 दिनों से अमित शाह सुखबीर को मिलने का समय नहीं दे रहे थे तो ऐसे में शिअद हाईकमान ने नड्डा से बैठक तय की और कुछ समय बैठक करके भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। सूत्रों की मानें तो जी.के. से समर्थन का ऐलान करवाने के पीछे भाजपा हाईकमान की जो चाल थी, वह सफल हुई। 
भाजपा को जी.के. के समर्थन से शिअद का सकते में आना और फिर जल्दबाजी में भाजपा को समर्थन देने का ऐलान करना ही भाजपा हाईकमान की कूटनीति का हिस्सा था। भाजपा के अकाली दल के समर्थन के ऐलान के साथ ही सुखबीर ने सी.ए.ए. का समर्थन भी कर दिया है।

भाजपा की चाल से शिअद का अल्पसंख्यकों के पक्षधर होने का टैग हटा
भाजपा द्वारा शिअद को दिल्ली में सीटें अधिक देने के बजाय एक सीट देने के प्रस्ताव के बाद बिफरे शिअद ने दिल्ली में चुनाव न लडऩे का ऐलान किया था और खुद को अल्पसंख्यकों का पक्षधर दिखाने के लिए दिल्ली में चुनाव न लडऩे का कारण बताते हुए कहा था कि सी.ए.ए. में मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया इसलिए वह दिल्ली में भाजपा के साथ चुनाव नहीं लड़ रहे। जिस प्रकार सुखबीर ने भाजपा को दिल्ली में समर्थन देने का ऐलान किया और साथ ही सी.ए.ए. का गुणगान किया इस यू-टर्न से उन्होंने खुद को भाजपा के बिछाए जाल में फंसा लिया है जिससे शिअद से अल्पसंख्यकों का पक्षधर होने के टैग भी हट गया है।

प्रैस कॉन्फ्रैंस में पीछे बैठाए शिअद दिल्ली के  प्रधान, सचिव और डी.एस.जी.एम.सी. प्रधान
दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान जे.पी. नड्डा के साथ लंबी बैठक के बाद शिअद और भाजपा की संयुक्त प्रैस कॉन्फ्रैंस में ऐसा पहली बार देखा गया कि शिअद दिल्ली इकाई के प्रधान, सचिव तथा डी.एस.जी.एम.सी. के प्रधान को अपने साथ न बैठाकर पिछली पंक्ति में बैठाया गया। इस बात को लेकर कई शिअद नेताओं के चेहरे मुरझाए दिखे। भाजपा के साथ बैठक के दौरान शिअद को साफ कहा गया कि अगर बिना शर्त समर्थन देना है तो ठीक है वर्ना आप अपने रास्ते हम अपने रास्ते। ऐसे में शिअद प्रधान के पास और कोई चारा ही नहीं बचा था कि वह भाजपा को समर्थन न देते। 

swetha