अकाली दल की तंगदिली से भाजपा में नाराजगी!

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2019 - 08:41 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): लोकसभा चुनावों को लेकर जालंधर सीट पर कड़ा मुकाबला है। यहां अकाली दल के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह अटवाल तथा कांग्रेस की ओर से मौजूदा सांसद संतोख चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला है। ‘आप’ की ओर से हाईकोर्ट से रिटा. जस्टिस जोरा सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। केंद्र में जहां भाजपा दोबारा मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए जोर लगा रही है, पर जालंधर में भाजपा के कई नेता व युवा वर्कर अपनी गठबंधन पार्टी अकाली दल के उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल के चुनाव प्रचार को लेकर निराश दिखाई दे रहे हैं।

चुनाव प्रचार के लिए अकाली दल ने नहीं दिया एक पैसा
पार्टी नेताओं व वर्करों ने नाम गुप्त रखते हुए बताया कि भाजपा एक तरफ मोदी लहर को दोबारा खड़ा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है । वहीं जालंधर सीट पर चुनावी प्रचार में अकाली दल की रणनीति से भाजपाई संतुष्ट नहीं दिखाई दे रहे। भाजपा के एक युवा पदाधिकारी ने बताया कि अकाली दल द्वारा भाजपा को चुनाव प्रचार के लिए एक पैसा तक नहीं दिया गया। 

भाजपा वर्करों को अपनी जेब से खर्चने पड़ रहे हैं पैसे
आलम यह है कि अगर किसी भाजपा वर्कर ने अपने इलाके में कोई बैठक करवानी है तो उसे अपनी जेब से सारे पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। छोटी से छोटी 100-2000 लोगों की बैठक भी करवानी हो तो कम-से-कम 10 हजार रुपए खर्च हो जाते हैं। वर्कर इतने पैसे अपनी जेब से कैसे लगा सकते हैं। यही बात अकाली दल के एक युवा नेता के मुंह से भी सुनने को मिली है कि पार्टी उम्मीदवार की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही।

इस सबके बीच भाजपा के एक सीनियर नेता का कहना है कि अभी तक अकाली दल की ओर से हर हलके में 50-50 फ्लैक्सें देने की बात की गई है जोकि अभी तक पहुंची नहीं है। ऐसे में कैसे पार्टी का प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि गत दिनों वह एक बड़े समारोह में अकाली दल के कुछ सीनियर नेताओं से मिले भी थे और जालंधर की जमीनी हकीकत से अवगत भी करवाया था, लेकिन अभी तक हालात ज्यों के त्यों ही हैं। इसी मामले में गत दिनों भाजपा के एक पूर्व मेयर ने भी गठबंधन की बैठक में नाराजगी खुलकर प्रकट की थी। ऐसे में पार्टी कैसे मौजूदा सांसद चौधरी को चुनाव में टक्कर देगी। अब देखना होगा कि क्या अकाली दल जालंधर में भाजपा को प्रचार सामग्री और पैसे मुहैया करवाता है या फिर क्या भाजपा की नाराजगी गठबंधन को नुक्सान पहुंचाएगी?


 

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