आगामी मतदान में भाजपा इस पूर्व कांग्रेसी नेता के साथ हाथ मिलाकर कर सकती है जोर-अजमाइश

punjabkesari.in Friday, Nov 19, 2021 - 03:47 PM (IST)

चंडीगढ़: श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के मौके प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। इस फैसले के बाद पंजाब की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिलने लाजिमी हैं। केंद्र की भाजपा सरकार के इस फैसले के बाद अकाली दल भी बैकफुट्ट पर आ गया है। अब अकाली दल की जगह कैप्टन अमरिंदर सिंह ले सकते हैं। प्रधानमंत्री के कृषि कानूनों पर फैसले के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के साथ जाने का खुलकर ऐलान भी कर दिया है। दरअसल पंजाब के हालात को देखते शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा से अलग कर लिया था। राजनीतिक माहिरों का मानना है कि अकाली दल को लगता था कि भाजपा कभी भी कृषि कानून रद्द नहीं करेगी जिस कारण उन्होंने साफ कर दिया कि वह अब कभी भी भाजपा के साथ रिश्ता नहीं रखेगी।

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भाजपा की तरफ बढ़ा कैप्टन का झुकाव
उधर कांग्रेस से अलग होने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह का झुकाव लगातार भाजपा की तरफ देखने को मिला। कैप्टन ने साफ कर दिया था कि वह विधानसभा मतदान लड़ेंगे और इस मतदान में भाजपा के साथ गठजोड़ भी कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने कृषि कानून को रद्द करने की शर्त रखी थी। ऐसे में भाजपा के कृषि कानून वापस लेने के फैसले के बाद पंजाब की राजनीति में उबाल आना स्वाभाविक है। क्योंकि इस फैसले के साथ भाजपा हमदर्दी का वोट हासिल करने का यत्न भी करेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह भी खेती कानूनों के हल के लिए लगातार भाजपा नेताओं के साथ मीटिंगें कर रहे थे।

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गत वर्ष सितम्बर में टूटा था गठजोड़
शिरोमणि अकाली दल बादल ने 1996 में बहुजन समाज पार्टी की अपेक्षा अपना गठजोड़ तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाया था। तब से अकाली दल भाजपा के साथ मिल कर मतदान लड़ता आ रहा था। सितम्बर 2020 में अकाली दल ने इस गठजोड़ को तोड़ दिया और फिर से बसपा के साथ हाथ मिला लिया। शिरोमणि अकाली दल ने बसपा के साथ सीटों की बांट भी कर ली है और टिकटों का ऐलान भी कर दिया है। अब जब भाजपा ने कृषि कानून वापिस लेने का ऐलान भी कर दिया है तो अकाली दल के पास कोई बदल बचता नजर भी नहीं आ रहा। दूसरी तरफ भाजपा का अकेले पंजाब की मतदान में उतरना इतना आसान नहीं है, ऐसे में भाजपा कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हाथ मिला कर आगामी विधानसभा मतदान में जोर अजमाइश कर सकती है। 

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News Editor

Urmila