दलितों की नाराजगी दूर नहीं कर पाई भाजपा, ‘AAP’ करेगी कैश

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2020 - 08:48 AM (IST)

नई दिल्ली/जालंधर(सोमनाथ): दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। इन चुनावों में देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने इस चुनाव में 8 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि दिल्ली में लम्बे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी खाता भी न खोल सकी। आम आदमी पार्टी को मिली इस जीत के बाद आने वाले सालों में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां अभी से सोशल इंजीनियरिंग शुरू हो गई है।
 
दलित कार्ड खेल सकती है आप

एक तरफ जहां भाजपा और कांग्रेस पार्टी चुनावों में मिली हार को लेकर समीक्षा करने में जुट गई हैं, वहीं राजनीति के माहिर इन चुनावों में उठे मुद्दों और राज्यों में सरकारों की कारगुजारी की समीक्षा के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग में जुट गए हैं। जहां तक दलित राजनीति की बात है तो दलित राजनीति के माहिरों के अनुसार आने वाले समय में राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में दलित समुदाय की खास भूमिका रहेगी।  आम आदमी पार्टी दलित कार्ड खेलते हुए समुदाय के मतदाताओं को पूरी तरह से कैश करने की कोशिश करेगी। इससे पहले ऐसी एक कोशिश आम आदमी पार्टी विगत में हुए चुनावों में कर चुकी है, जबकि कई मुद्दों को लेकर भाजपा से नाराज चले आ रहे दलित वर्ग की नाराजगी को दूर करने में भाजपा के दिग्गत नेता सफल नहीं हो पाए हैं। 

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गुरु रविदास मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा से नाराज हैं दलित

दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर गिराए जाने और बाद में दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे रविदास समुदाय के सैंकड़ों लोगों को दिल्ली की जेलों में बंद किए जाने को लेकर देश का दलित वर्ग केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी से काफी नाराज है। रविदास समुदाय का मानना है कि जब दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर गिराया जा रहा था तो केंद्र सरकार इसे रोक सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

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केजरीवाल ने किया था पंजाब में दलित डिप्टी सी.एम. का वादा

2017 के विधानसभा चुनावों में फगवाड़ा में हुई रैली के दौरान मीडिया से बात करते हुए ‘आप’ संयोजक केजरीवाल ने सत्ता में आने पर किसी दलित को पंजाब का डिप्टी सी.एम. बनाने की घोषणा की थी। मौजूदा हालात में आम आदमी पार्टी पंजाब से किसी दलित को डिप्टी सी.एम. फेस के तौर पर चुनावों में उतार सकती है। 

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‘आप’ के जनाधार वाले राज्य दिल्ली, पंजाब और हरियाणा

चुनाव चाहे विधानसभा के हों या लोकसभा के, जातीय गणित इन चुनावों में अहम भूमिका निभाता है। हाल ही में दिल्ली विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हुए हैं और 2022 तक 14 विधानसभाओं में चुनाव होने बाकी हैं। किस साल किस राज्य में चुनाव होने हैं इस प्रकार है। इनमें बिहार पुड्डुचेरी,असम, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, केरल, तमिलनाडु , पश्चिम बंगाल, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, मणिपुर और गुजरात  शामिल हैं। 
 


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