जालंधर शहरी टीम में विवाद के बाद भाजपा हाईकमान अलर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jul 21, 2020 - 09:25 AM (IST)

जालंधर: पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी में जुटी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पार्टी के अन्य बड़े नेता अपने स्तर पर सत्तासीन होने की कोशिशों में लगे हुए हैं लेकिन इसी बीच जिला स्तर पर पार्टी में चल रहे विवाद पार्टी के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। खासकर जालंधर में पार्टी के अंदर पोस्ट को लेकर जो घमासान मचा था, उसके बाद भाजपा प्रदेश इकाई स्तर पर अलर्ट हो गई है। जानकारी के मुताबिक पंजाब में पार्टी ने अब जिला स्तर पर बनने वाली टीमों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है ताकि जैसा विवाद जालंधर में पैदा हुआ, वैसा किसी अन्य जिले में न हो। हाल ही में भाजपा के जिला जालंधर के देहाती अध्यक्ष अमरजीत सिंह अमरी ने अपनी टीम की घोषणा की थी। इस घोषणा में जिन नेताओं के नाम घोषित किए गए हैं, उनमें 70 प्रतिशत ऐसे हैं जो खुद भाजपा हाईकमान ने शामिल करवाए हैं।


पूर्व अध्यक्ष की सहमति से बनवाई टीम
जानकारी मिली है कि भाजपा हाईकमान ने अमरजीत सिंह अमरी द्वारा तैयार पदाधिकारियों की सूची में बड़े स्तर पर संशोधन किया है। यह भी पता लगा है कि पार्टी ने देहाती एरिया में पहले अध्यक्ष रह चुके अरुण शर्मा को इस बार तरजीह देने की कोशिश की है। बेशक पार्टी के जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह अमरी ही हैं लेकिन जिस टीम का गठन किया गया है, उसमें 70 प्रतिशत सदस्य अरुण शर्मा के खेमे के बताए गए हैं। यह भी बताया गया है कि पार्टी हाईकमान द्वारा अरुण शर्मा तथा अमरी के साथ बैठकर बाकायदा नई टीम पर चर्चा की गई थी जिस दौरान अमरी द्वारा तैयार सूची में से करीब 70 प्रतिशत नाम बदल दिए गए हैं। जबकि जो नाम काटे गए उसके लिए अरुण शर्मा से राय ली गई थी। यह भी पता चला है कि काफी देर से देहाती एरिया में भाजपा के कुछ सक्रिय लोग इग्नोर किए जा रहे थे लेकिन इस बार उन लोगों को टीम में शामिल कर पार्टी ने अपनी भविष्य की योजनाओं को नए संकेत दे दिए हैं।

अमरी-भल्ला विवाद हाईकमान के पास
गौरतलब है कि जालंधर में शहरी भाजपा टीम के गठन के बाद विवाद पैदा हो गया था। सचिव बनाए गए संदीप भल्ला ने पद से रिजाइन दे दिया था जबकि यह मामला पार्टी हाईकमान के पास भी पहुंच चुका है। फिलहाल पार्टी हाईकमान इस मसले पर चुप्पी साधे हुए है जबकि संदीप भल्ला ने अमरी पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे। उधर, अमरी द्वारा घोषित टीम में आदमपुर से सचिव बनाए गए शिवा संगर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं और उन्होंने भी संदीप भल्ला की तरह वरिष्ठता को इग्नोर करने का आरोप लगाया था।


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