हार की हताशा भूल, अपने गिरेबान में झांके कांग्रेस : चुघ
punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 09:05 PM (IST)
चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी निरंतर चुनावी पराजयों से हताशा और निराशा में डूबती जा रही है। जब कांग्रेस जमीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की गरीब-हितैषी नीतियों और राष्ट्र प्रथम की सोच का सामना नहीं कर पाई, तो अब वह प्रधानमंत्री और भाजपा पर अनर्गल आरोप लगाकर देश को बदनाम करने का काम कर रही है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा भाजपा को "आतंकी पार्टी" कहना कांग्रेस की इसी वैचारिक शून्यता और हताशा को दर्शाता है। लगातार हार की खीझ में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भ्रमित हो गया है। खड़गे का बयान न केवल हास्यास्पद है, बल्कि कांग्रेस की सोच का स्पष्ट प्रतिबिंब भी है। देश की जनता अब सब जानती है, और समय आ गया है कि कांग्रेस पर लगे 'नक्सल', 'आतंकी', और 'भारत विरोधी ताकतों' के समर्थन के आरोपों की गंभीरता से जांच की जाए।
चुघ ने कांग्रेस से सवाल किया कि संसद पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु की फांसी को रुकवाने के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, बाटला हाऊस एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के लिए किसने आंसू बहाए, जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर लगे भारत विरोधी नारों का समर्थन किसने किया था, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाली पार्टी कौन थी, चीन की सत्ताधारी पार्टी के साथ कांग्रेस ने कौन-सा एमओयू साइन किया और उसके पीछे का मकसद क्या था, मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेतृत्व को देश को इन ज्वलंत सवालों का जवाब देना होगा।
चुघ ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के अन्य नेताओं को मेरा सुझाव है कि वे अनर्गल बयान देने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें, की उनकी पार्टी के युवराज और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी विदेशों में जा कर भारत को बदनाम करने का दुस्साहस करते हैं। खड़गे को हर बार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकतांत्रिक तरीके से सामना करने में विफलता मिलती है, और फिर वे अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना शुरू कर देते हैं। हरियाणा में कांग्रेस की हालिया हार पर आत्मचिंतन करने की बजाय, पार्टी ने "वोट बैंक पॉलिटिक्स", "जातिवाद", और "भ्रष्टाचार" जैसे मुद्दों को ही प्रमुखता दी है। देश की जनता जानती है कि कांग्रेस किस तरह देशद्रोही ताकतों और अर्बन नक्सलियों का समर्थन करती है। कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए और समझना चाहिए कि देश की जनता का भरोसा अब उस पर क्यों नहीं रहा।