अंजान नंबर से आए व्हाट्सएप पर दिखे डरावनी शक्ल वाली लड़की तो तुरंत करें Block

punjabkesari.in Sunday, Sep 30, 2018 - 09:19 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): ब्लू व्हेल चैलेंज के बाद अब सोशल मीडिया पर एक ओर खतरनाक चैलेंज ने पेरैंट्स व स्कूलों के अलावा सरकार को टैंशन में डाल रखा है। इस मोमो चैलेंज में गेम की शुरूआत एक अंजान नंबर से होती है। इस गेम के लिए अंजान नंबर से ही बच्चों व युवाओं से संपर्क करके उन्हें गेम के साथ जोड़ा जाता है। चंगुल में फंसते ही जब बच्चे उक्त अंजान नंबर को सेव करते हैं तो एक बड़ी व अजीब सी आंखों वाली कार्टून रूपी डरावनी शक्ल वाली लड़की सामने आती है और टॉस्क देने लगती है।

इस गेम के लिए उन लोगों को चुना जाता है जिनके स्टेटस सोशल मीडिया पर परेशानी वाले लगते हैं। यह भी एक सुसाइड गेम है। इसमें इंटरनैट टास्क के तौर पर डरावनी शक्ल वाली लड़की गेम खेलने वाले से बातचीत शुरू करके उसे नए टास्क पूरा करने के लिए कहती है। जब कोई इसे न पूरा करे तो उसे विभिन्न तरीकों से धमकाया जाता है। ऐसे में इसे खेलने वाला जब फाइनल टास्क तक पहुंचता है तो प्लेयर को अपनी जान देने का चैलेंज दिया जाता है। 

खबरों के मुताबिक भारत में इससे हुईं मौतों के 3 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। मोमो चैलेंज की शुरूआत अर्जेंटीना से बताई जा रही है। वहीं इसने सबसे पहले अपना शिकार बनाया था। इस गेम का ङ्क्षलक व्हाट्सएप के जरिए प्रसारित हो रहा है। 

देश में अब तक 3 मौतों की खबर

अब तक मोमो चैलेंज से जो 3 मौतें देश में होने के मामले सामने आए हैं, उनमें 2 पश्चिमी बंगाल व 1 मामला राजस्थान के अजमेर का बताया गया है। खबरों के मुताबिक राजस्थान में 10वीं की छात्रा ने इस गेम के चक्कर में आकर हाथ की नस काट ली और फिर आत्म हत्या कर ली। विद्यार्थियों को इस गेम के चंगुल में फंसने से बचाने के लिए सतर्क हुई केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद सी.बी.एस.ई. ने अपनी एडवाइजरी जारी की है। 

बच्चों में ये हो सकते हैं लक्षण
-बच्चे का हर बात पर गुस्सा करना।
-उदास, परेशान व टैंशन में रहना।
-परिवार व दोस्तों से खुद को अलग रखना।
-बच्चे में बढ़ रहा जिद्दीपन।
-अपनी पसंदीदा एक्टिविटी से परहेज।
-शरीर पर कोई चोट का निशान होना।

पेरैंट्स इन बातों का रखें ध्यान
-बच्चा तनाव की बात करे तो उससे कारण पूछें।
-बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर रखें नजर।
-स्कूल टीचर से बच्चे की रिपोर्ट लें।
-अगर लगे बच्चा गेम में संलिप्त है तो मनोचिकित्सक की मदद लें।
-बच्चे के मोबाइल में सेव नंबरों को जांचे।
-मोबाइल फोन को एंटी वायरस से सुरक्षित रखें।

ऐसे करें परहेज

-अपने व्हाट्सएप नंबर पर किसी अज्ञात से बात न करें।
-किसी अंजान को व्हाट्सएप नंबर न दें।
-अज्ञात नंबर से मोमो की फोटो आने पर नंबर को ब्लाक करें।
-ईमेल व सोशल अकाऊंट्स के पासवर्ड बदलें।

क्या है एडवाइजरी में 

-पेरैंट्स व टीचर्ज बच्चों से बात करें कि सोशल मीडिया पर वह क्या कर रहे हैं।
-इंटरनैट हिस्ट्री जरूर चैक करें।
-अगर बच्चे के शरीर पर कोई घाव या निशान है तो तुरंत उसके बारे में पूछें।
-स्कूल में बात करें कि बच्चा वहां कैसा व्यवहार कर रहा है और घर पर कैसा व्यवहार कर रहा है।

प्रिंसीपल टॉक
सी.बी.एस.ई. द्वारा जारी सर्कुलर सभी अभिभावकों को भेज दिया गया है। साथ ही बच्चों को इस बारे में जागरूक कर रहे हैं। इस खेल के क्या नुक्सान हैं, इससे कैसे बचा जाए, इसके बारे में बता रहे हैं। बच्चों की समय-समय पर काऊंसङ्क्षलग भी करेंगे ताकि बच्चे इस गेम से दूर रह सकें।—नविता पुरी, प्रिंसीपल के.वी.एम. सिविल लाइंस

अभिभावकों और बच्चों को स्कूल एप के जरिए जागरूक करना शुरू कर दिया है। परीक्षाओं के बाद स्कूल शुरू होते ही सुबह 10 मिनट की मोरल क्लास शुरू की जा रही है। अभिभावक बच्चों की इंटरनैट एक्टिविटी पर नजर रखें। बच्चा अगर तनाव में है तो उनसे जरूर बात करें। —डा. परमजीत कौर, प्रिंसीपल बी.सी.एम. स्कूल शास्त्री नगर 

अभिभावकों में जागरूकता लाने के लिए ओरिंएंटेशन प्रोग्राम भी शुरू करेंगे ताकि बच्चे मोबाइल पर जो भी एक्टिविटी करते हैं उस पर विशेष नजर रखें। गेम्स और इंटरनैट से बच्चों को दूर रखने के लिए भी अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है। मोमो चैलेंज बच्चों के लिए खतरनाक है। —प्रिं. डी.पी. गुलेरिया, बी.सी.एम. चंडीगढ़ रोड

कुछ खतरनाक गेम्स बच्चों की मनोदशा प्रभावित करते हैं। बच्चों को ऐसे गेम्स से दूर रखने के लिए अभिभावक जागरूक हों। बच्चा इंटरनैट पर क्या एक्टिविटी कर रहा है उस पर नजर रखें। मोबाइल चैक करें।आजकल चाइल्ड लॉक आ रहे हैं, उसका प्रयोग करें। अगर बच्चा अचानक परेशान रहने लगा है तो उससे बात जरूर करें। हम स्कूल की प्रत्येक क्लास में भी परीक्षाओं के बाद बच्चों को जागरूक करेंगे।   —डा.सतवंत कौर भुल्लर, प्रिं. डी.ए.वी. पक्खोवाल रोड

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