ई-वे बिल की जटिलताओं को हल करेगी चार्टर्ड अकाऊंटैंट पुनीत ओबराय द्वारा लिखी बुकलैट

punjabkesari.in Tuesday, Apr 03, 2018 - 08:50 AM (IST)

जालंधर (धवन): ई-वे बिल की जटिलताओं को चार्टर्ड अकाऊंटैंट पुनीत ओबराय द्वारा लिखित बुकलैट हल करेगी। क्षितिज पब्लिशर्ज द्वारा प्रकाशित की गई बुकलैट में पुनीत ओबराय ने व्यावहारिक उदाहरणों से ई-वे बिल की जटिलताओं को हल किया है तथा यह बुकलैट व्यापारियों व उद्यमियों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि 50,000 रुपए से अधिक का माल एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य है तथा इसे इंटरस्टेट लागू कर दिया गया है तथा इसका पोर्टल भी चल पड़ा है। 


उन्होंने कहा कि अगर किसी ने दूसरे राज्य में जॉबवर्क दिया हुआ है तो उस पर 50,000 रुपए की सीमा लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऐसी अवस्था में संबंधित व्यापारी या उद्यमी को 1 रुपए से ही ई-वे बिल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल वास्तव में केन्द्र सरकार 2 नम्बर के कारोबार पर रोक लगाने के लिए लेकर आई है। अगर व्यापारी स्वयं ई-वे बिल जैनरेट नहीं कर रहा है तो वह ट्रांसपोर्टर को भी ई-वे बिल बनाने के लिए कह सकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास ई-वे बिल होगा तो उसकी गाड़ी को बार-बार चैक भी नहीं किया जाएगा। बार-बार चैकिंग की नौबत खत्म हो जाएगी। ई-वे बिल को अगर कोई रद्द करना चाहे तो 24 घंटों के भीतर वह ऐसा करने में सक्षम है।


चार्टर्ड अकाऊंटैंट पुनीत ओबराय ने कहा कि रेलवे द्वारा जो व्यापारी माल भेजते हैं, वह माल भेजने के बाद भी ई-वे बिल जैनरेट कर सकते हैं परंतु जब तक ई-वे बिल तैयार नहीं होगा तब तक यह माल दूसरी पार्टी को सौंपा नहीं जा सकेगा। ई-वे बिल के  2 हिस्से होंगे। पहले हिस्से में इन्वॉयस तैयार की जाएगी जबकि दूसरे हिस्से में माल से संबंधित विस्तृत सूचनाएं देनी होंगी, जैसे वाहन नम्बर आदि। दूसरे हिस्से में ई-वे बिल तैयार करने के लिए 15 दिनों का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि ई-वे बिल को लेकर व्यापारियों में कई प्रकार की शंकाएं चल रही हंै परन्तु इस बुकलैट का अध्ययन करने के बाद समस्याओं का निवारण हो जाएगा। इसमें 60 से अधिक व्यावहारिक समाधान पेश किए गए हैं, जो व्यापारियों के लिए लाभदायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि अगर ई-वे बिल के बिना किसी का माल पकड़ा गया तो उसे न्यूनतम 10,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। 

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