कोरोना संकट: Books और Uniform विक्रेताओं पर लगातार दूसरे वर्ष भी मंदी की मार

punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 11:02 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): पिछले साल कई स्कूलों द्वारा मार्च महीने की शुरूआत में ही नया सैशन शुरू कर दिया गया था और बच्चों के अभिभावकों द्वारा नई किताबें भी खरीद ली गई थीं। इसके बाद स्कूल बंद हो गए और पढ़ाई भी थम गई। अधिकतर बच्चों की नई किताबें वैसे की वैसे ही रहीं लेकिन इस बार स्कूलों में नया सैशन शुरू होते ही कई पेरैंट्स ने बच्चों के लिए नई किताबें लेने से तौबा कर ली है। ऐसा करने की 2 वजह हैं, एक किताबों का महंगा होना और दूसरी कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेज चलने से किताबों का कुछ बिगड़ा ही नहीं। इसलिए कई पेरैंरेंट्स ने उन बच्चों से किताबें लेनी शुरू कर दी हैं, जो सीनियर क्लास में प्रमोट हो रहे हैं। लगभग अब हर स्कूल में ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो गई हैं। सोशल मीडिया ग्रुप्स के माध्यम से अभिभावक अपने बच्चे के स्कूल के अन्य अभिभावकों से बुक्स एक्सचेंज कर रहे हैं।

स्कूल यूनिफार्म उद्योग ठप्प होने की कगार पर
इस साल भी कोरोना महामारी के चलते नया सैशन शुरू होने से पहले ही स्कूल तथा शिक्षण संस्थान बंद हो गए हैं तो इन से जुड़े कारोबार भी प्रभावित हुए हैं। स्कूलों में पुस्तकों के साथ यूनिफार्म भी महत्वपूर्ण है। महीनों से स्कूलों के बंद रहने से यूनिफॉर्म बेचने वाले दुकानदार से लेकर निर्माण का कारोबार तक ठप्प हो गया है।

शहर में दुकानों और गोदामों में करोड़ों की स्कूल यूनिफार्म डम्प हो गई हैं। कई महीने तक स्कूल न खुलने और दुकानों पर लगातार मंदी के बाद यूनिफार्म दुकानदारों और निर्माताओं ने मास्क और पी.पी.ई. किट बनाकर बाजार में उतारे थे लेकिन कई दुकानदारों को जानकारी न होने का नुक्सान भी हुआ। ऐसे में स्कूल यूनिफार्म से जुड़े व्यापारियों ने अब फिर स्कूल खुलने का इंतजार करना शुरू कर दिया है। विभिन्न यूनिफार्म विक्रेताओं के अनुसार कई दुकानदारों को तो दुकान का किराया देना ही मुश्किल हो गया है। कई ने यहां तक कहा कि एक तो कारोबार चौपट हो चुका है और ऊपर से बैंक और दुकान की किस्त भरना किसी जंग से कम नहीं है।


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Content Writer

Tania pathak

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