पंजाब के इस गांव में बच्चों की पढ़ाई व स्वास्थ्य दोनों खतरे में!

punjabkesari.in Tuesday, Feb 12, 2019 - 09:56 AM (IST)

बाघापुराना (चुटानी): शहर में प्राइमरी स्कूलों की 4 ब्रांचोंं में विद्यार्थियों की सबसे अधिक संख्या वाली दिलीप बस्ती वाली ब्रांच में सहूलियतों की कमी ने न सिर्फ बच्चों के शैक्षणिक भविष्य बल्कि उनकी सेहत पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। 

न बैठने के लिए कमरे न पढ़ाने के लिए स्टाफ
बाकी तीनों ब्रांचों के कुल बच्चों के बराबर की संख्या वाले दिलीप बस्ती स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए न तो उचित कमरे हैं और पढ़ाने के लिए न ही स्टाफ है। संख्या के मुकाबले कम से कम 5 कमरों की जरूरत है लेकिन आलम यह है कि पहले वाले 4 कमरों में से 1 कमरा क्षतिग्रस्त होकर गिरा पड़ा है। स्कूल में न तो कोई दफ्तर है और न ही कोई स्टाफ रूम। प्री-प्राइमरी के बच्चों के कमरे में ही दफ्तरी अलमारियों तथा फर्नीचर पड़ा है। 

क्या कहना है स्कूल इंचार्ज का
स्कूल की इंचार्ज नीलम रानी ने बताया कि स्कूल में कम से कम 4 अध्यापकों की जरूरत है लेकिन यहां सिर्फ 2 अध्यापक ही हैं। 30 अक्तूबर, 2016 को यहां से एक अध्यापक की बदली कर दी थी लेकिन उनकी जगह पर अभी तक और कोई नियुक्ति नहीं हुई। पीने वाले स्वच्छ पानी की सहूलियत भी स्कूल में न होने के कारण बच्चे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। नजदीकी गलियों का स्तर ऊंचा उठाए जाने के कारण स्कूल के शौचालयों के पानी का निकास भी रुका पड़ा है। पीने वाले पानी के फिल्टर वाला प्रोजैक्ट पिछले एक अर्से से खराब होने के कारण टूटियां सूखी पड़ी हैं। इस प्रोजैक्ट को दुरुस्त करवाने के लिए 10 हजार रुपए का खर्चा है जिसके लिए अभी कोई प्रबंध नहीं हो सका। लोगों ने सरकार से अपील की कि स्कूल में सभी सहूलियतें बिना देरी पूरी हों।

क्या कहना है ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अफसर का
ब्लॉक बाघापुराना के प्राइमरी शिक्षा अफसर सुरेन्द्र कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी कुछ दिन पहले ही बी.पी.ई.ओ. तहत चार्ज संभाला है। इस कारण स्कूलों की दशा व अन्य समस्याओं बारे वह अच्छी तरह अवगत नहीं हैं लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में सहूलियतों की पूर्ति का प्रयास किया जा रहा है तथा संबंधित स्कूल का भी वह खुद दौरा करके समूची जानकारी लेंगे।

Anjna