पंजाब भर के रेलवे ठेकेदारों ने रेल टैंडरों का बायकॉट करने का किया ऐलान

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2019 - 08:41 AM (IST)

जालंधर(गुलशन): इंडियन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर एसोसिएशन की एक हंगामी बैठक जालंधर में स्थित एक होटल में हुई, जिसमें पंजाब भर से आए रेलवे ठेकेदारों ने भाग लिया। ठेकेदारों ने फिरोजपुर रेल मंडल के डी.आर.एम. राजेश अग्रवाल के उस फरमान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा कि अब 50 से 80 लाख वाले टैंडर की बजाय  5 करोड़ या इससे ऊपर के टैंडर लगाए जाएंगे। ठेकेदारों ने कहा कि फिरोजपुर रेल मंडल में करीब 100 ठेकेदार हैं। इनमें से कुछ 2-4 बड़े ठेकेदारों को छोड़कर बाकी लगभग सभी ठेकेदार इतने बड़े टैंडर लेने में सक्षम नहीं हैं। जो ठेकेदार 50 से 80 लाख रुपए तक के ही टैंडर लेते थे, वे अचानक इतने बड़े टैंडर कैसे ले सकते हैं? उन्होंने कहा कि डी.आर.एम. के इस फरमान से छोटे ठेकेदार और उनकी लेबर बेरोजगार हो जाएगी।

ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि पंजाब के ठेकेदारों को छोड़कर दूसरे राज्यों के ठेकेदारों को आगे लाने के लिए यह फरमान जारी किया गया है, जिसे किसी भी हाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा। रेलवे के सभी ठेकेदार करोड़ों रुपए के टैंडर का बायकॉट करेंगे। ठेकेदारों ने कहा कि वे पिछले कई दशकों से रेलवे डिपार्टमैंट से जुड़े हुए हैं और वे अधिकारियों का सम्मान करते हैं व सम्मान के चलते ही कई बार जरूरी कामों को बिना टैंडर के ही करवा देते हैं, जिसके बाद टैंडर प्रक्रिया से लेकर पेमैंट लेने के लिए उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। 

डी.आर.एम. ने ठेकेदारों को हर महीने पेमैंट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक पूरा नहीं किया गया। पिछले दिनों लुधियाना में हुई जी.एम. इंस्पैक्शन के दौरान उन्होंने दिन-रात रंग-रोगन व मैंटीनैंस का काम किया, लेकिन अभी तक इन कामों का बिल पास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जो ठेके अलॉट हो चुके हैं, उनमें काम करने के लिए न तो साइट दी जाती है और न ही एक्सटैंशन दी जाती है। इस मौके पर प्रधान नवरत्न आनंद, सैक्रेटरी हरबंस सिंह, ज्वाइंट सैक्रेटरी सुभाष कुमार, कुलजीत सिंह, दिनेश बाहरी, ललित सेठी, हरजीत सिंह, राजकमल, अश्वनी सैनी, राजेंद्र कुमार, अशोक कुमार, सरबजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह, विश्वजीत शर्मा, राजेंद्र कुमार गोगना आदि मौजूद थे। 

अदालत की शरण में जाने को मजबूर होंगे ठेकेदार 
रेलवे ठेकेदारों ने कहा कि अगर डी.आर.एम. ने अपना फरमान वापस नहीं लिया तो उन्हें मजबूरन कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा, क्योंकि फिरोजपुर रेल मंडल को छोड़कर देश के किसी भी रेल मंडल या जोन में 
ऐसा फरमान जारी नहीं किया गया है। ठेकेदारों द्वारा एक ज्ञापन के साथ रेलवे हैडक्वार्टर के नियमों की कॉपी लगाकर पी.एम.ओ., मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे, मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोॄसज को भेजी जा रही है। 

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