पंजाब राजभवन में बनेगा बंकर, एमरजैंसी में सुरक्षित रहेंगे राज्यपाल

punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2019 - 08:29 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब राजभवन में जल्द ही बंकर का निर्माण किया जाएगा। किसी भी विपरीत परिस्थिति में राज्यपाल और उनका परिवार इस बंकर में छुप सकेगा। बताया जा रहा है कि खुद चंडीगढ़ प्रशासक व पंजाब के राज्यपाल वी.पी. बदनौर प्रस्तावित बंकर के ढांचे को लेकर खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। इसलिए भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के अधिकारियों से भी संपर्क साधा गया है ताकि राजभवन में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बंकर का निर्माण किया जा सके। 

गुप्तचर एजैंसियों से प्राप्त इनपुट्स के बाद लिया गया फैसला
चंडीगढ़ प्रशासक के उच्चाधिकारियों की मानें तो यह फैसला गुप्तचर एजैंसियों से प्राप्त इनपुट्स के बाद लिया गया है। इस मसले पर बदनौर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ के आलाधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें बंकर के निर्माण पर विचार-विमर्श किया गया था। साथ ही गुप्तचर एजैंसियों से प्राप्त इनपुट्स के अलावा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ बिगड़ते संबंधों पर भी चर्चा हुई थी। 

मौजूदा समय में पाक के साथ हैं संबंध तनावपूर्ण
सुरक्षा एजैंसियों के माहिरों का कहना था कि मौजूदा समय में पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध सबसे तनावपूर्ण स्थिति में हैं। पाकिस्तान के शहर बालाकोट पर भारतीय वायु सेना के हमले के बाद से ही वह लगातार भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने को प्रयासरत है। ऐसे नाजुक दौर में पड़ोसी मुल्क के साथ लगते राज्यों की सुरक्षा के अलावा प्रमुख ओहदों पर विराजमान खास व्यक्तियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इस खतरे से निपटने के लिए बंकर का निर्माण सबसे मजबूत विकल्प है। वी.पी. बदनौर ने इस पर सहमति जताई थी, जिसके बाद ही अब राजभवन में बंकर के निर्माण का खाका तैयार किया जा रहा है।

बंकर की तैयार हुई ड्राइंग 
अधिकारियों की मानें तो बंकर की रूप-रेखा तय करने का जिम्मा चंडीगढ़ अर्बन प्लानिंग डिपार्टमैंट के आर्कीटैक्चर विंग को सौंपा गया है। विंग ने बंकर की एक ड्राइंग भी तैयार की है। इस ड्राइंग को प्रशासनिक स्तर पर औपचारिक मंजूरी भी प्रदान कर दी थी लेकिन कुछ बदलाव की गुंजाइश के चलते फिलहाल इसे फाइनल अप्रूवल नहीं दी गई है। अधिकारियों की मानें तो सुरक्षा एजैंसियों ने बंकर में कुछ सुधार के विकल्प सुझाए हैं। साथ ही सेना के विशेषज्ञों से भी सलाह लेने की बात कही है। इसलिए अब सेना के विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद ही ड्राइंग को फाइनल अप्रूवल दी जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। 

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