रिपोर्ट जारीः पंजाब में बिजनैस करना हुआ मुश्किल!

punjabkesari.in Wednesday, Jul 11, 2018 - 01:21 PM (IST)

जालन्धर(नरेश कुमार) : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमैंट ऑफ  इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रोमोशन द्वारा साल 2017 के लिए जारी की गई ईज ऑफ  डूइंग बिजनैस रैंकिंग में पंजाब 8 स्थान पिछड़ कर 53.92 प्रतिशत स्कोर के साथ 20वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल इस रैंकिंग में 91.07 स्कोर के साथ पंजाब 12वें स्थान पर था। पड़ोसी राज्य हरियाणा इस रैकिंग में 3 स्थान की छलांग लगाकर छठे से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश भी इस मामले में पंजाब से आगे है और हिमाचल को इस रैंकिंग में 16वां स्थान मिला है।  जम्मू-कश्मीर इस रैंकिंग में 22वें और दिल्ली 23वें स्थान पर है। 

आंध्र प्रदेश टॉप पर, गुजरात लुढ़का 
आंध्र प्रदेश इस रैंकिंग में पिछले साल भी पहले नंबर पर था और इस बार भी उसने अपनी रैंकिंग बरकरार रखी है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद गुजरात इस मामले में लगातार पिछड़ता जा रहा है। गुजरात को इस बार 5वीं रैंकिंग मिली है जबकि 2015 में गुजरात इस रैंकिंग में पहले नंबर पर था। 2016 में गुजरात पिछड़ कर तीसरे स्थान पर पहुंचा और 2017 में यह पिछड़ कर 5वें स्थान पर पहुंच गया।

कैप्टन सरकार निष्क्रिय : मलिक
पंजाब भाजपा के अध्यक्ष श्वेत मालिक ने इस रैंकिंग में पंजाब के पिछडऩे के लिए राज्य की कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। मलिक ने कहा कि सरकार ने राज्य के उद्योगपतियों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का वायदा किया था लेकिन वह वायदा आज तक सरकार पूरा नहीं कर सकी। ऐसे में इंडस्ट्री का पंजाब के प्रति विश्वास कैसे बहाल होगा। केंद्र सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए राज्य सरकार मैङ्क्षचग ग्रांट नहीं देती, लिहाजा योजनाएं लटक जाती हैं। असल में कैप्टन सरकार राज्य में उद्योग और रोजगार के सृजन के लिए गंभीर नहीं है जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा ने इस मामले में बेहतरीन मुकाम हासिल किया है। 


क्या होती है ईज ऑफ  डूइंग बिजनैस रैंकिंग
ईज ऑफ  डूइंग बिजनैस रैंकिंग वर्ल्ड बैंक और डी.आई.पी.पी. की ओर से मिलकर तैयार की जाती है। यह रिपोर्ट जुलाई, 2016 से जुलाई, 2018 के बीच 340 प्वाइंट बिजनैस रिफॉर्म एक्शन प्लान के आधार पर तैयार की जाती है। इस साल की रैंकिंग में डी.आई.पी.पी. ने बिजनैस-टू-गवर्नमैंट (बी2जी) फीडबैक लिया था। फीडबैक के तहत राज्यों के उन दावों की हकीकत जांची थी गई कि उन्होंने सुधारों को कितने बेहतर तरीके से लागू किया है। केंद्र ने पिछले बजट में 372 ऐसे एक्शन प्वाइंट निर्धारित किए थे जिन्हें राज्यों को तेजी से पूरा करना था। राज्य सरकारें ईज ऑफ  डूइंग बिजनैस रैंकिंग को सुधारने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम क्लीयरैंस सिस्टम डिवैल्प करने पर काम कर रही हैं। सरकार की ओर से तय मानकों में कन्स्ट्रक्शन परमिट, लेबर रैग्युलेशन, पर्यावरण रजिस्ट्रेशन, सूचनाओं तक पहुंच, भूमि की उपलब्धता और सिंगल विंडो सिस्टम शामिल है।

रैंकिग में शीर्ष 10 राज्य


 

Naresh Kumar