किसान आंदोलन: मालगाड़ियां की आवाजाही नहीं होने से व्यापारी व उद्योगपती परेशान

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 10:08 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): किसान आंदोलन के कारण 28 दिन से थमे मालगाड़ियों के पहियों ने राज्य की ना सिर्फ इंडस्ट्री की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है बल्कि व्यापारियों की भी परेशानी को बढ़ा दिया है। बाहर से कच्चे माल की आपूर्ति व इंडस्ट्री में तैयार माल के बाहर नहीं जा पाने की वजह से इन इंडस्ट्री में उत्पादन बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। हालात ऐसे हैैं कि यदि मालगाड़ी की आवाचाही शुरू नहीं हुई तो कई इकाइयों में उत्पादन बंद हो सकता है। इंजीनियरिंग, फाउंडरी, ट्रैक्टर पाट्र्स, आटो पाट्र्स, गार्डनिंग टूल्स सहित स्टील से संबंधित उत्पाद बनाने वाली कई कंपनियों में उत्पादन गिर गया है।

थर्मल प्लांट बंद होने के कगार पर
इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि पंजाब की इंडस्ट्री में स्टील व लोहा इंडस्ट्री की 70 फीसद हिस्सेदारी है। स्टील निर्माता कंपनियां व अन्य उद्योगों के लिए एच.आर. क्वाइल, सी.आर. स्ट्रिप, सी.आर. शीट की डिलीवरी देने में असमर्थता जताने लगे हैं। अगर जल्द हालात न सुधरे तो पंजाब की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बता दें कि मालगाड़ियां न चलने के कारण कोयले की सप्लाई न होने से पंजाब के सभी सरकारी और निजी थर्मल प्लांट बंद हैैं वहीं राज्य में ब्लैक आऊट होने की संभावना बनी हुई है।

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स्क्रैप के दाम में हो गया है भारी ईजाफा
इंडक्शन फर्नेंस व स्टील निर्माता कंपनी के मालिकों ने बताया कि पंजाब में इन इकाइयों को हर रोज आठ हजार टन स्टील की जरूरत पड़ती है। पिछले 20 दिन में कच्चे माल का स्टाक खत्म हो गया है। मांग अधिक होने के कारण पिछले 15 दिन में स्क्रैप के दाम 26 से बढ़कर 29 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। इस समय तीन हजार से अधिक कंटेनर गुजरात के मुद्रा, पिहावा, नावाशाहा में फंसे हुए हैं। इनका कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संग मिल इस समस्या को प्रभावशाली तरीकों से उठा इसका निदान करवाए। 

मालगाड़ी को नहीं चला केन्द्र कर रही है पंजाब के हितों के साथ खिलवाड़: अरोड़ा
संपर्क करने पर राज्य के उद्योग व वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने पंजाब में मालगाड़ी की आवाजाही को रोक पंजाब के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। पंजाब की इंडस्ट्री के लिए कच्चा माल नहीं पहुंच पा रहा है और ना ही तैयार माल यहां से अन्य राज्यों के लिए सप्लाई हो पा रहा है। पहले जो कच्चे माल का रैक लुधियाना में लगती थी उसे अब फरीदाबाद में रोक लिया गया है। फरीदाबाद से ट्रक के जरिए कच्चा माल मंगवाने की वजह से स्क्रैप के रेट में 4 प्रति किलाग्रोम खर्च बढ़ गया है। व्यापारियों के तैयार माल गोदाम में पड़े हैं व कई इंडस्ट्री को तो ऑर्डर रद्द होने शुरू हो गए हैं। कल कारखाने बंद होने से राज्य में ना सिर्फ रोजगार के अवसर घटेंगे बल्कि हम अपने पड़ोसी राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा भी नहीं कर सकेंगे। ऐसे में अगर रेल यातायात नहीं खुलता है तो इससे पंजाब की इंडस्ट्री को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह इस मामले को केंद्र के साथ गंभीरता से उठा रहे हैं हमें उम्मीद है कि केन्द्र सरकार जल्द ही पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही पर लगाए प्रतिबंध को हटा लेगी।


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Mohit

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