झूठी शान की खातिर महंगे दामों पर असला खरीदकर लोग बहा रहे अपनों का ही खून

punjabkesari.in Monday, Dec 23, 2019 - 02:52 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी(धीर): बंदूकें पिस्तौल रखना पहले-पहले अमीर व बड़े घरों के लोगों का शौक था, परंतु अब यह रुझान मध्यम वर्ग के लोगों तक पहुंच गया है। कुछ लोग ऐसे ही लोगों पर झूठा दबाव बनाने के लिए असला लिए घूमते रहते हैं। कुछ समय पहले विवाह शादियों के मौसम में घटित घटनाओं ने लोगों की ओर से असला (हथियार) रखने पर सवालिया निशान लगा दिया है। बहुत सी जगहों पर असले का कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि इससे नुक्सान ही हुआ है। पिस्तौल व बंदूक के साथ अधिकतर मामलों में अपनों का ही खून बहा है और कई घर उजड़ गए हैं। यदि पंजाब में आम लोगों के पास लाइसैंसी हथियार की बात करें, तो हजारों नहीं, बल्कि लाखों लोगों के पास असला है। 

लाइसैंस के बिना अवैध तौर पर रखे गए असलों की भी भरमार है। लोग अभी भी अंधाधुंध असला लेने व लाइसैंस बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नरों के दफ्तर में फार्म भर रहे हैं। इस काम के लिए वे राजनीतिक पहुंच वाले नेताओं की भी मदद ले रहे हैं। एक-दूसरे को देखकर लोग महंगे दामों वाली पिस्तौलें व बंदूकें खरीद रहे हैं। अब तो इस रुझान में महिलाएं आगे निकल रही हैं और अनेक महिलाओं ने असले के लाइसैंस बना लिए हैं और बना रही हैं। लुटेरे किस्म के व्यक्ति उन घरों में ही अधिक जाते हैं, जहां उनको पता लगता है कि असला पड़ा है। कोई हिम्मत वाला ही लुटेरों को पिस्तौल या बंदूक चला कर भगाता है। अधिकतर लोग तो झूठी शान के लिए असला खरीद रहे हैं।

2 लाख से अधिक लोगों के पास लाइसैंसी हथियार 
पंजाब में इस समय करोड़ों रुपए लोगों ने हथियार खरीदने पर लगा दिए हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि व्यक्तियों की आॢथक हालत भले बहुत अच्छी नहीं है, परंतु कर्जा लेकर वह बंदूक या हथियार खरीद रहे हैं। पावन नगरी सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र की यदि बात करें, तो यहां के करीब 500 लोगों के पास लाइसैंसी हथियार हैं, पूरे जिले में यह संख्या हजारों तक पहुंच जाती है। मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश भर में 2 लाख से भी अधिक लोगों के पास लाइसैंसी हथियार हैं। लोगों के पास चोरी के रखे हुए हथियार इससे अलग हैं। 

जांच करने के बाद ही जारी किए जाएं लाइसैंस
समाजसेवी लोगों ने सरकारों और प्रशासन से अपील की कि हथियारों का लाइसैंस जारी करने के समय पूरी तरह से जांच की जाए और किसी भी कीमत पर 25 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के नाम पर लाइसैंस न बनाया जाए। राजनीतिज्ञ भी सिफारिश करते समय व्यक्ति के बारे में पूरा पता कर लें।  

Vaneet