पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला, बच्चियों से रेप पर होगी मौत की सजा(Video)

punjabkesari.in Thursday, Jun 28, 2018 - 09:31 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब में अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप मामले में सजा-ए-मौत मिलेगी। यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया। बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा बलात्कार संबंधी कानून को सख्त बनाने के लिए लाए गए क्रिमिनल लॉ (अमैंडमैंट) आर्डीनैंस, 2018 को पंजाब गजट में दोबारा प्रकाशित करने की अनुमति दी। इससे पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान भी इस कानून को लागू कर चुके है। 

इसी कड़ी में केंद्र सरकार के फ्यूजटिव इकोनॉमिक ऑफैंडर आर्डीनैंस को भी राज्य में लागू करने का फैसला किया गया। इसके तहत देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। वहीं, पंजाब के आर्थिक संकट को दूर करने के लिए मंत्रिमंडल ने घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के विनिवेश को भी हरी झंडी दिखा दी है, जिसके तहत पंजाब कम्युनिकेशन लिमिटेड, पंजाब फाइनैंशियल कार्पोरेशन, पंजाब स्टेट इंडस्ट्रीयल डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन का विनिवेश किया जाएगा। पंजाब में करीब 50 सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम हैं, जिनमें सरकार का करीब 25000 करोड़ रुपया अटका हुआ है।

अयोग्य नहीं ठहराए जा सकेंगे विधायक : मंत्रिमंडल ने स्टेट लैजीस्लेचर (प्रिवैंशन ऑफ डिसक्वालीफिकेशन) एक्ट, 1952 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इसके जरिए विधायकों के लिए लाभ के पद की अन्य कई नई श्रेणियां अपने पास रखने का रास्ता साफ हो गया है। एक्ट में संशोधन से विधायकों को किसी विशेष पद या कुर्सी मिलने पर अयोग्य नहीं ठहराया जा सकेगा। इससे पहले तक मूल एक्ट में यह प्रावधान नहीं था। हालांकि विधायकों को भत्ते व सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल का अधिकार होगा। इन संशोधनों के तहत नया सैक्शन-1ए शामिल किया गया है, जिसमें ‘जरूरी भत्ते’ ‘संवैधानिक संस्था’ और ‘असंवैधानिक’ को पारिभाषित किया गया है। इस एक्ट की धारा 2 के तहत लाभ के पद की और श्रेणियों को शामिल किया गया है। सैक्शन-1(ए) के अनुसार ‘लाजिमी भत्ता’ का मतलब उस राशि से होगा जो रोजाना के भत्ते (ऐसा भत्ता विधानसभा के मैंबर को मिलते रोजाना भत्ते की राशि से अधिक नहीं होगा, जिसके लिए वह पंजाब लैजीस्लेचर असैम्बली (मैंबर के वेतन एवं भत्ता) एक्ट 1942 के तहत हकदार है) द्वारा एक पद को संभालने के लिए भुगतान योग्य होगी। पद के कामकाज को करते हुए विधायक द्वारा किए गए खर्च के प्रतिफल को यकीनी बनाने के लिए हाऊस रैंट भत्ता या यात्रा भत्ता इसमें शामिल है। इसी कड़ी में धारा 2 को संशोधित करते हुए इसमें विस्तार दिया गया है। 


बलात्कार के मामलों की जांच 2 माह में करनी होगी मुकम्मल
12 वर्ष से कम आयु की ब‘ची के साथ बलात्कार पर मौत की सजा के अलावा यह क्रिमिनल लॉ (अमैंडमैंट) आर्डीनैंस, 2018 आई.पी.सी. में भी संशोधन करता है, जिससे बलात्कार के लिए कम से कम सजा 7 साल से बढ़ा कर 10 साल हो गई है। इस अध्यादेश के अंतर्गत कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में भी संशोधन किया गया है जिससे बलात्कार के मामलों में जांच 2 महीनों के अंदर मुकम्मल करनी यकीनी बनाई जा सके। बलात्कार के मामलों में अपीलों के निपटारे के लिए 6 महीनों का समय तय किया गया है। 12 और 16 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के मामलों में नामजद अपराधियों के लिए आगामी जमानत संबंधी मद में भी संशोधन किया गया है। पक्की जमानत अर्जी पर फैसले से पहले हाईकोर्ट या सैशंस कोर्ट की तरफ से सुनवाई हेतु पेश होने के लिए सरकारी वकील को 15 दिन पहले नोटिस दिया जाएगा और पीड़ित द्वारा अधिकृत किए व्यक्ति की मौजूदगी भी जरूरी होगी। आर्थिक अपराधों में भगौड़ों संबंधी अध्यादेश अधिकारियों को देश छोड़ कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को केस के साथ जोडऩे या जब्त करने की शक्ति देता है।

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