कैबिनेट का फैसला: पंजाब में 7000 अनधिकृत कॉलोनियां होंगी नियमित

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 09:06 AM (IST)

चंडीगढ़  (पराशर): पंजाब मंत्रिमंडल की ओर से अनधिकृत कॉलोनियों, प्लाटों व इमारतों को नियमित करने के बिल को सोमवार को हरी झंडी दिए जाने के बाद इसे मंगलवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा के बजट सत्र में पेश किए जाने का रास्ता प्रशस्त हो गया है।


मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब लॉज (अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने बारे विशेष व्यवस्थाएं बिल 2018 में अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लोगों को जल सप्लाई, सीवरेज, बिजली व सड़क संपर्क जैसी आधारभूत शहरी सुविधाएं मुहैया करवाने की व्यवस्था है। इसके साथ पूरे प्रदेश में ऐसी कॉलोनियों व प्लाटों/इमारतों को नियमित करवाने के लिए व्यापक नीति तैयार करने के लिए भी रास्ता साफ हो जाएगा। इस समय लगभग 7 हजार गैर-कानूनी कॉलोनियां हैं जिनमें 5 हजार कॉलोनियां एम.सी. सीमा से बाहर हैं। गैर-कानूनी कॉलोनियों की रजिस्ट्रेशन की आज्ञा नहीं दी जाएगी। 19 मार्च 2018 से पहले विकसित हुई अनधिकृत कॉलोनियों को ही नियमित किया जाएगा। 


कॉलोनियों/प्लाटों को नियमित करने के लिए अधिकारियों की कमेटी गठित की जाएगी व कोई भी डिवैल्पर जो अपनी कॉलोनी को नियमित करवाने के लिए निवेदन देगा वहां पर रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन (आर.डब्ल्यू.ए.) होनी चाहिए। नियमित करने की प्रक्रिया को दुरुस्त बनाने के लिए अनधिकृत कॉलोनियों को बनाए गए क्षेत्र की श्रेणियों (25 प्रतिशत तक, 25 से 50 प्रतिशत, 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र) में बांटा गया है। 75 प्रतिशत से अधिक बनाए गए क्षेत्रों वाली कॉलोनियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।


कैबिनेट ने राज्य में हुक्का बारों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने का भी निर्णय लिया। इससे पहले हुक्का बारों पर पाबंदी संबंधी प्रत्येक 2 माह के बाद आरजी आदेश जारी किए जाते थे। मंत्रिमंडल ने सभी कैबिनेट मंत्रियों के लिए अपना आयकर खुद भरने पर मोहर लगा दी। इस संबंधी दि ईस्ट पंजाब मिनिस्टर्स सैलरीज एक्ट-1947 व दि सैलरीज एंड अलाऊंस ऑफ डिप्टी मिनिस्टर्स, पंजाब एक्ट-1956 में जरूरी संशोधनों वाले मसौदा बिलों को विधानसभा के बजट अधिवेशन में पेश किया जाएगा।  पंजाब सरकार की ओर से आयकर के रूप में 11.08 करोड़ रुपए अदा किए जा रहे हैं जिसमें से 10.72 करोड़ रुपए की अदायगी विधायकों के आयकर की होती है जबकि बाकी राशि मंत्रियों के लिए होती है।

 

कैबिनेट ने एम.बी.बी.एस. डाक्टरों को प्रोबेशन पीरियड के दौरान पूर्ण वेतन के साथ-साथ सभी भत्तों का भुगतान करने का भी निर्णय किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में नए नियुक्त होने वाले मैडीकल अफसरों के लिए ‘केवल मूल वेतन’ की शर्त को समाप्त कर दिया जाएगा। यह निर्णय पहले से ही विभिन्न अन्य श्रेणियों जैसे कि पंजाब सिविल सॢवसिज (ज्यूडीशियल ब्रांच), पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सहायक अध्यापक/ वैज्ञानिक तथा विशेषज्ञ डाक्टरों के लिए प्रयोग की जा रही प्रणाली के अनुरूप है।  


मंत्रिमंडल का यह फैसला एम.बी. बी.एस. डाक्टरों को 15,600-39,100+5400 ग्रेड पे के साथ पूर्ण वेतन प्राप्त करने के लिए सुविधा प्रदान करेगा। पंजाब लोक सेवा आयोग ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में मैडीकल अधिकारियों (जनरल) के 306 पदों की भर्ती के लिए 21 फरवरी, 2018 को विज्ञापन दिया है ताकि राज्यभर के सरकारी अस्पतालों और डिस्पैंसरियों में डाक्टरों की कमी से निपटा जा सके। 

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