खुद को DSP बता फौजी ने एयरपोर्ट पार्किंग के सुपरवाइजर पर तानी पिस्तौल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2019 - 08:31 AM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उस समय हंगामा हो गया जब पार्किंग स्टैंड की बजाए में दूसरी जगह गाड़ी खड़ी करने से मना करने पर इनोवा सवार ने खुद को डी.एस.पी.बताते हुए पार्किंग के सुपरवाइजर के माथे पर पिस्तौल तान दी और धमकियां दीं। बाद में पता चला कि वह फौजी है, जबकि उसके साथ आया व्यक्ति खुद को डी.एस.पी. का पुत्र बता रहा था। इस दौरान सी.आई.एस.एफ. के जवानों ने दोनों को काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया।  

मना करने और जुर्माना वसूलने पर आरोपी ने तानी पिस्तौल
जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट की पार्किंग में दो व्यक्ति इनोवा गाड़ी पर किसी को रिसीव करने आए थे। उन्होंने एयरपोर्ट के नियमों को नजरअंदाज करते पार्किंग की बजाए गाड़ी को पिछली साइड से घुमाकर अराइवल गेट के आगे खड़ा कर दिया। वे पार्किंग की सीमा क्रॉस कर गाड़ी भगाकर आगे ले गए। वहां गाड़ी खड़ी कर दोनों अपने आदमियों की प्रतीक्षा करने लगे। तभी पार्किंग स्टैंड का सुपरवाइजर राहुल उनके पास पहुंचा और उन्हें सचेत किया कि वह जगह पार्किंग के लिए नहीं है। ऐसे में उन्हें जुर्माना हो सकता है, इसलिए गाड़ी हटा लें। इस पर एक ने खुद को डी.एस.पी.तो दूसरे ने अपने आप को डी.एस.पी. का पुत्र बताया। 

दोनों पक्षों में हुआ समझौता
पार्किंग के कर्मचारी अपनी बात पर अड़े रहे। उन्होंने उनसे 250 रुपए जुर्माना वसूल लिया। इसके बाद अन्य व्यक्ति झगड़ने और धमकियां देने लगा, जो किसी फ्लाइट से आया होगा। तभी डी.एस.पी. बताने वाले ने राहुल के माथे पर अपनी पिस्तौल तान दी। ये देखकर बाकी के लोग वहां से भागे। तभी सी.आई.एस.एफ. के जवानों ने उन्हें घेर लिया और पिस्तौलधारी को पुलिस के हवाले किया। इसके बाद सुपरवाइजर राहुल ने एयरपोर्ट पुलिस को शिकायत दी। वहीं पुलिस थाना एयरपोर्ट के इंचार्ज ने बताया कि दोनों पक्षों का समझौता हो गया है।

पिस्तौल निकालने की बात समझ से बाहर
हालांकि इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया, लेकिन पिस्तौल निकालने की बात समझ में नहीं आती। सूत्रों की मानें तो उक्त लोगों के संबंध पंजाब पुलिस के एक उच्च अधिकारी से भी थे जो जालंधर रेंज में तैनात था और उसके इशारे पर एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील स्थान पर रिवाल्वर तान देने का मामला समझौते में बदल गया। वहीं यदि कोई सामान्य व्यक्ति होता तो उसके लिए जेल के दरवाजे खुले थे, क्योंकि कई वर्षों में यह पहली घटना है कि किसी बाहर के व्यक्ति ने एयरपोर्ट में सरेआम पिस्तौल तान दी हो, जहां पर सी.आई.एस.एफ. की निगरानी में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, लेकिन एयरपोर्ट के प्रतिबंधित परिसर में जहां पर वाहन खड़ा करना वर्जित है, वहां पिस्तौल लेकर वह कैसे पहुंच गया यह जांच का विषय है।

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