पंजाब ड्रग तस्करी मामलाःआरोपियों के प्रत्यार्पण से कनाडा सरकार ने किया इंकार

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 02:52 PM (IST)

चंडीगढ़:कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू की भारत यात्रा के दौरान खालिस्तानियों तथा भगोड़ों पर कार्रवाई को लेकर भारत और कनाडा सरकार के बीच समझौता हुआ था। पर अब एक बार फिर से कनाडा तथा भारत सरकार एक-दूसरे के विरोध में उतर आई हैं। इस बार मामला पंजाब ड्रग तस्करी तथा मनी लॉंडरिंग से जुड़ा हुआ है।

 

इस केस में फंसे भगोड़े एन.आर.आई. आरोपियों का प्रत्यापर्ण करने से कनाडा सरकार ने इंकार कर दिया है। पंजाब पुलिस और केंद्र सरकार के कई प्रयासों के बावजूद, कनाडाई एजैंसियां भारतीय अधिकारियों द्वारा भेजे गए दस्तावेजों में विभिन्न विसंगतियों का हवाला देते हुए प्रत्यार्पण के अनुरोधों को खारिज कर रही हैं। 

 

बुधवार को, भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष एक विस्तृत हलफनामा दायर करते कहा  कि कनाडाई अधिकारियों ने ड्रग मामले से जुड़े 8 प्रवासी भारतीयों को प्रत्यार्पित करने के अनुरोध को खारिज कर दिया है।  2016 में उनकी प्रत्यर्पण की मांग की गई थी । अब कनाडा के न्याय विभाग को नया अनुरोध भेजा गया है।

 

प्रत्यार्पण में देरी संबंधी पूछे जाने पर, मित्तल ने बताया कि समस्या भारतीय की तरफ से नहीं बल्कि कनाडा की तरफ से पाई गई है। कनाडाई एजेंसियां हर बार प्रत्यर्पण को रोकने के लिए आपत्तियां जता रही थीं। हलफनामे के अनुसार विदेश मामलों के मंत्रालय (एम.ई.ए.) के सचिव द्वारा 2016 में 8 प्रवासी भारतीयों के प्रत्यार्पण की मांग की गई थी। इसमें रणजीत सिंह औजला, गुरसेक सिंह ढिल्लों, निरंकार सिंह ढिल्लों, सरबजीत सिंह सैंडर, लेहंबर सिंह दलेह, अमरजीत सिंह कूनर, पारदीप सिंह ढलीवाल और अमरेंद्र सिंह छेना शामिल है

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