कनाडा से आए PR को वापस ले जाने के लिए तैयार नहीं कैनेडियन सरकार

punjabkesari.in Monday, Apr 13, 2020 - 02:12 PM (IST)

अमृतसर(ममता): कोरोना की मार जहां पूरे विश्व के देश झेल रहे हैं, वहीं भारत में फंसे कनाडा से आए परमानैंट रैजीडैंट (पी.आर.) पिछले लगभग 2-3 महीने से अपने परिवारों से बिछुड़े बैठे हैं और उनकी सुनवाई न ही कनाडा सरकार और न ही कैनेडियन अम्बैसी कर रही है। इस संबंध में जानकारी देश के अलग-अलग हिस्सों में बैठे लगभग 3 हजार पी.आर. की ओर से सोशल मीडिया पर बनाए ग्रुप में दी जा रही है।

इनकी ओर से लगातार कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के विदेश मंत्री और कौंसलेट जनरल को भी ई-मेल से उनकी सुनवाई करने की अपील की जा रही है। अमृतसर में कनाडा के पी.आर. गुरपाल सिंह, गुरपिन्दर कौर मान के अलावा चंडीगढ़ से अभिनव राणा, नवदीप सिंह, ऋषि सैनी, मुंबई से संदीप सिंह चोपड़ा और जालंधर से प्रभजोत सिंह ने बताया कि वे जनवरी और फरवरी में भारत आए थे, मार्च में लौटना था, परन्तु एकदम कोरोना के चलते लॉकडाऊन के बाद यहां फंस गए, जबकि उनके परिवारों में किसी की पत्नी और बच्चे, किसी के मां-बाप कनाडा में हैं और चिंता में हैं। उन्होंने बताया कि कैनेडियन सरकार की ओर से चाहे एयर इंडिया के अलावा कुछ एक एन.जी.ओ. की ओर से भी चार्टर्ड फ्लाइटें भेजकर कैनडियन सिटिजन को वापस ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, परन्तु इनमें पी.आर. को शामिल नहीं किया जा रहा है। 

गुरपाल सिंह ने बताया कि कनाडा सरकार की ओर से भेजी जा रही चार्टर्ड फ्लाइटों में यहां बैठे पी.आर. महंगी टिकट खरीद कर जाने को तैयार हैं पर मंजूरी नहीं दी जा रही। पी.आर. भी कनाडा के पक्के तौर पर निवासी और ग्रीन कार्ड होल्डर हैं, फिर कनाडा सरकार द्वारा उनसे भेदभाव किया जा रहा है। इस संबंध में कई पत्र भी भेजे और बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को वापस भेजने की मांग की जा रही है पर कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों द्वारा भारत में बैठे पी.आर. को ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है और 13 से लेकर 19 अप्रैल तक अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से विशेष फ्लाइटें लंदन के लिए रवाना भी हो रही हैं। उन्होंने रोष जताया कि कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से उनके साथ सौतेली मां वाला सलूक किया जा रहा है।


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