कैप्टन ने सुखबीर से पूछा, 'क्या आप अब प्रस्ताव को पूरी तरह से रद्द कर रहे हैं?'

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 08:57 AM (IST)

जालंधर (धवन): कृषि क्षेत्र संबंधी अध्यादेशों को लेकर कल हुई सर्वदलीय बैठक में पास किए गए प्रस्ताव को लेकर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान द्वारा दोहरी भाषा का इस्तेमाल करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सुखबीर को कहा कि वह स्पष्ट बताएं कि क्या उनकी पार्टी ने शर्तों के साथ प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था? मुख्यमंत्री ने सुखबीर से पूछा कि क्या आपने प्रस्ताव का विरोध नहीं किया था? क्या आप प्रस्ताव के साथ पूरी तरह से हैं या फिर शर्तों के साथ? उन्होंने यह भी पूछा कि वह बताएं कि क्या कृषि राज्य का विषय नहीं है?

अकालियों तथा सुखबीर द्वारा बैठक में हुई बातचीत को लेकर झूठे दावे करने पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि वह लोगों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल के प्रधान ने कल हुई सर्वदलीय बैठक में प्रस्ताव के 3 मुद्दों में से 2 पर अपना समर्थन दिया है तथा ये बातें रिकार्ड में हैं। उन्होंने कहा कि यह सब बातें सरकार द्वारा जारी की गई प्रैस विज्ञप्ति में लिखी गई थीं तथा इन तथ्यों को झुठलाया नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ से भाजपा ने पूरी तरह से प्रस्ताव का विरोध किया तो सुखबीर ने पहले तो सीधा जवाब देने से बचने की कोशिश की। उन्हें 2 बार कहा गया कि वह अपना स्टैंड स्पष्ट करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपको प्रस्ताव के 2 मुद्दों को समर्थन करने संबंधी बातों को लिख कर भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में घुसपैठ संबंधी सुखबीर ने कानूनी राय लेने की बात कही। सुखबीर ने यह भी कहा था कि अगर उक्त अध्यादेश संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ पाए जाते हैं तो वह उनके (मुख्यमंत्री) के साथ होंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को छोड़कर सुखबीर प्रस्ताव के आंशिक हक में भी थे तथा उनके एतराजों को रिकार्ड भी किया गया। उन्होंने कहा कि सब बातें रिकार्ड में हैं इसलिए अकाली अपनी इ‘छानुसार वीडियो को लीक करके जिम्मेदार से भाग नहीं सकते हैं। कैप्टन ने कहा कि अकाली दल के प्रधान अब राजनीतिक तौर पर फंस गए हैं क्योंकि एक तरफ तो उन्होंने केंद्र में सत्ताधारी भाजपा को समर्थन दिया हुआ है तथा दूसरी ओर उन्हें पंजाब में अपने वोट बैंक की ङ्क्षचता है। ऐसा लगता है कि सुखबीर अब भाजपा में अपने राजनीतिक आकाओं के दबाव में काम कर रहे हैं इसलिए प्रस्ताव को सशर्त समर्थन देने की बात कर रहे हैं परन्तु वह ऐसा भी नहीं कर पाएंगे क्योंकि वह पूरी तरह से दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने अकाली दल के दोहरे मापदंड को एक बार फिर से देख लिया है। पहले सी.ए.ए. के मुद्दे पर अकाली दल ने दोहरा स्टैंड लिया था। मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या उनका स्टैंड किसानों के हक में है। क्या केंद्र कृषि जैसे रा’य विषय में दखल दे सकता है। सुखबीर को इस संबंध में एक सैद्धांतिक फैसला लेना होगा। 

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