रेल रोको आंदोलन से पंजाब का नुक्सान, कोयले की कमी से Blackout की आ सकती है नौबत: अमरेंद्र

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 01:08 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि बेशक किसान संगठन कृषि कानून के विरोध में रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं लेकिन रेल रोकने का नुक्सान पंजाब को ही उठाना पड़ रहा है। पंजाब में बिजली उत्पादन बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। लहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट बंद होने की कगार पर है तो गोइंदवाल पावर प्लांट का यूनिट बंद हो गया है। दो यूनिट में 1 दिन का और 4 दिन का कोयला बचा है। कोयले की कमी से ब्लैकआऊट की नौबत आ सकती है।

वीरवार को जनता से रू-ब-रू कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ संगठन यह कह रहे हैं कि पंजाब सैंट्रल ग्रिड पर है तो बिजली का संकट नहीं होगा तो उन्हें यह बात स्पष्ट तौर पर समझनी चाहिए कि पंजाब सरकार के पास सैंट्रल ग्रिड से बिजली खरीदने के लिए धनराशि नहीं है। पंजाब में किसानों को मुफ्त बिजली दी जाती है। ऐसे में सरकार के लिए यह मुमकिन नहीं है कि सैंट्रल ग्रिड से महंगी बिजली खरीदार सरकार मुफ्त बिजली मुहैया करवाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल के जरिए पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स भी आते हैं। यूरिया भी आता है। उस पर धान की आमद भी जारी है, जिन्हें स्टोर करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है, क्योंकि स्टोर तो पहले ही अनाज से भरे पड़े हैं। अगर स्टोर से अनाज नहीं निकलेगा, स्टोर खाली नहीं होंगे तो धान कहां रखा जाएगा। यह सभी बड़ी चुनौतियां हैं। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि किसान संगठन पंजाब के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसला लेंगे, ताकि इस समस्या का ठोस समाधान निकल सके। मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से एक बार फिर रेल ट्रैक खाली करने की अपील की है।

किसानों के साथ खड़ी है पंजाब सरकार
फिरोजपुर में रहने वाले एक बाशिंदे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के साथ खड़ी है। कृषि कानून पर 19 अक्तूबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। पंजाब सरकार इन कानूनों के खिलाफ हरसंभव कोशिश करेगी। इसी कड़ी में एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा में कृषि कानून के खिलाफ लाए जा रहे बिल पर वह अभी कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि अभी इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। 

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