पराली मामले में कैप्टन का मोदी को पत्र,100 रुपए प्रति क्विंटल मुअावजे की मांग

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2017 - 04:33 PM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(धवन) : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से पत्र्र लिख 100 रुपए प्रति क्विंटल मुअावजा देने की मांग की है। उन्होंने पराली को जलाने के मामले में मुअावजे की मांग करते कहा कि पराली जलाने से देश के उत्तरी बेल्ट में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।  उन्होंने प्रधानमंत्री से भी अनुरोध किया है कि वह इस मुद्दे पर कृषि, खाद्य और पर्यावरण मंत्री के साथ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाए।

 

मुख्यमंत्री ने मोदी को भेजे पत्र में मांग की है कि पराली प्रबंधन के लिए किसानों को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए क्योंकि पराली को जलाने के कारण वातावरण में स्माग को लेकर पूरे उत्तरी क्षेत्र में गंभीर संकट पैदा हो चुका है। उन्होंने 5 जुलाई 2017 को भी प्रधानमंत्री के सामने धान की पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल  अतिरिक्त बोनस देने का आग्रह किया था।

 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तरी राज्यों जिनमें राजधानी दिल्ली भी शामिल है, में प्रदूषण को लेकर संकट पैदा हुआ है। यह संकट मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में धान की पराली को जलाने से उत्पन्न हुआ है। इस मामले का देश की उच्चतम अदालतों तथा राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले ही नोटिस लिया हुआ है।उन्होने कहा कि अभी तक जिस समस्या को समझा नहीं जा रहा है, वह वैज्ञानिक व आॢथक मामलों से जुड़ी हुई है। जब तक किसानों को अतिरिक्त बोनस प्रदान नहीं किया जाएगा, तब तक वह पराली को जलाना नहीं छोड़ेंगे। 

 

उन्होंने कहा कि पराली के डिस्पोजल के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन करने की जरूरत है। फसल के अवशेषों को इसके द्वारा ही नष्ट किया जा सकता है। इसके लिए कोई तकनीकी या बायोलोजिकल प्रणाली को अपनाया नहीं जा सकता है।उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह इस मुद्दे को पहल के आधार पर देखें तथा अब मार्च अप्रैल महीने में मंडियों में आने वाली गेहूं की फसल के लिए भी 100 रुपए प्रति किं्वटल अतिरिक्त बोनस का ऐलान करें, इससे ही हम वातावरण को बचा पाने में कामयाब हो सकेंगे। किसानों को डायरैक्ट वैनीफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत लाभ दिया जा  सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में इस मसले का समाधान निकल आएगा इसलिए प्रधानमंत्री को अब पहल करनी चाहिए।


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