पंजाब की 87 फीसदी आबादी आ सकती है कोरोना की चपेट में, अक्तबूर तक जा सकता है मामलाः कैप्टन

punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 02:26 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि सूबे की 87 फीसदी आबादी कोरोनावायरस की चपेट में आ सकती है। उन्होंने पी.जी.आई. की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य में लॉकडाउन जैसे हालात अक्तूबर माह तक रह सकते है। कैप्टन ने यह भी जिक्र किया कि इस सारी स्थिति से निपटने के लिए एक हाई पॉवर कमेटी का भी गठन किया है, जो यह निर्णय लेगी कि अक्तूबर तक किस तरह से राज्य की आर्थिकी को संतुलित किया जाए। वह शुक्रवार को वीडियो कांफ्रैसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। लॉकडाउन को लेकर उन्होंने संकेत दिए कि वह इसकी अवधि बढ़ाने के पक्ष में है बाकी इस पर फैसला दोपहर बाद रखी गई कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। 

पंजाब में कोरोना दूसरी स्टेज परः कैप्टन
कोरोना की स्थिति बताते हुए कैप्टन ने कहा कि पंजाब में कोरोनावायरस क्मयुनिटी स्टेज पर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस स्टेज पर कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति की कोई ट्रेवलिंग हिस्ट्री नहीं होती है। वह संक्रमण से पहले किसके संपर्क में आया था, उसे स्वंय भी पता नहीं होता है । पी.जी.आई. की रिपोर्ट को संक्रमण फैलने का आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त माह ंमें संक्रमण पीक पर पहुंचने की संभावना है। इस हिसाब से राज्य की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अक्तबूर माह तक का समय लग जाएगा। 


पंजाब में सिर्फ किसानों को  मिलेगी Lockdown में राहतः कैप्टन
पंजाब में अब तक 2837 टैस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 132 मामले कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पंजाब में अब तक 11 मौतें हो चुकी हैं। मौजूदा हालात में सिर्फ़ 1 ही मरीज़ वेंटिलेटर पर है। नवांशहर, मोहाली, जालंधर और होशियारपुर में कोरोना वायरस के ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन में सिर्फ़ किसानों को ही राहत दी जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने फ़ैसला किया है कि 15 अप्रैल से मंडियों में फ़सल की खरीद शुरू की जाएगी। मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार ने मंडियों की संख्या 1800 से बढ़ा कर 3800 कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य को जारी की गई 15 हज़ार करोड़ रुपए की राशि काफ़ी नहीं है। कैप्टन मुताबिक मौजूदा संकट गंभीर है लिहाज़ा केंद्र को राज्य के लिए और फंड जारी करना चाहिए।

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