खालिस्तानी लहर को लगातार समर्थन देने के मामले में मुख्यमंत्री कनाडा सरकार पर बरसे

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2019 - 08:22 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(भुल्लर, धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने कनाडा सरकार द्वारा लगातार खालिस्तानी लहर को समर्थन देने पर जम कर बरसते हुए चेतावनी दी कि अगर टोरंटो ने भारत विरोधी गतिविधियों पर अपने धरती में रोक न लगाई तो दीर्घकाल में इसकी आग में स्वयं कनाडा को झुलसना पड़ सकता है।

कनाडा सरकार ने नहीं लगाई खालिस्तानियों पर रोक

मुख्यमंत्री ने 1985 के कनिष्का बम कांड में जॉन मेजर आयोग के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि कनाडा ने अपनी धरती से खालिस्तानियों पर रोक नहीं लगाई। अब स्पष्ट हो गया है कि कनाडा सरकार नई दिल्ली के दबाव के बावजूद खालिस्तानियों को अपना समर्थन दे रही है। 

कनाडा के एजैंटों ने ही दिया था कनिष्का बम कांड में आरोपियों को प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री ने आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कनिष्का बम कांड में मुख्य दोषी पर चाहे निगरानी रखी जा रही थी, परंतु जो बातें रिकार्ड हुई हैं, उनसे साफ जाहिर हो गया है कि कनाडा के एजैंटों ने ही दोषियों को संरक्षण तथा बम चलाने का प्रशिक्षण दिया था। बम कांड से पहले लगातार चेतावनी दी जा रही थी कि किसी विशिष्ट फ्लाइट में बम रखा जा सकता है, परन्तु कनाडा की खुफिया एजैंसियां इसमें विफल हुईं। इससे इंटैलीजैंस की विफलता भी सामने आ गई है। 

कनाडा पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव डाले मोदी सरकार

कै. अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्होंने स्वयं कनाडा सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया था तब जस्टिन ट्रूडो को भारत दौरे के दौरान वांछित आतंकियों की सूची भी सौंपी थी, परंतु अभी तक वहां की सरकार का सहयोग नकारात्मक रहा है। उन्होंने कहा कि 2018 में कनाडा की सुरक्षा इंटैलीजैंस सेवा की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था कि कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए हो रहा है। इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि कनाडा स्वयं आतंकवाद की आग में झुलस सकता है। उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार को इन रिपोर्टों का हवाला लेकर कनाडा पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव डालने की गुहार लगाई है ताकि कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए न किया जा सके। सोशल मीडिया पर कनाडा में बैठे लोग भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगे हुए हैं, जिस पर भी रोक लगाने की जरूरत है।  

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