सुर्खियां बटोरने के लिए हमेशा झूठ का सहारा लेता है खैहरा : अमरिंदर सिंह

punjabkesari.in Monday, Jan 21, 2019 - 09:38 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा उन पर केंद्र सरकार की राह पर चलने के लगाए हास्यास्पद आरोपों को रद्द करते हुए कहा कि नई बनी पंजाबी एकता पार्टी का नेता ऐसे झूठे आरोप लगाकर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सुर्खियां बटोरने के लिए तिलमिला रहा है।

सीएम ने दिया खैहरा पर यह बयान 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से बेइज्जत करके निकाले जाने के बाद खैहरा अब सार्वजनिक तौर पर शोहरत कमाने के लिए हरेक तरह की चाल चल रहा है। उन्होंने विरोधी पक्ष के पूर्व नेता की तरफ से बेहूदा आरोप लगाने की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि ये आरोप न सिर्फ पूरी तरह बेबुनियाद हैं बल्कि इससे राजनीतिक मूल्यों और नैतिकता को ठेस पहुंचाने की झलक मिलती है। कैप्टन ने कहा कि खैहरा हमेशा किसी बयान की सच्चाई की तह तक जाने की बजाय बिना सिर-पैर के बयान दागने की आदत का शिकार है। उन्होंने पंजाबी एकता पार्टी के नेता के निराधार आरोपों को झूठ का पुङ्क्षलदा बताते हुए रद्द कर दिया। उन्होंने खैहरा को उनके खिलाफ जाति तौर पर और राज्य सरकार के खिलाफ लगाए आरोपों में से एक को भी सिद्ध करके दिखाने या फिर राजनीति से किनारा कर लेने की चुनौती दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस की कारगुजारी बारे खैहरा के बयान से ही सिद्ध हो जाता है कि जो वह उभार रहा है, उससे उलट डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने विस्तार को पहले ही रद्द कर दिया है और राज्य सरकार ने राज्य के नए पुलिस प्रमुख के लिए अपना पैनल भेज दिया है। कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के इशारे पर अरोड़ा को विस्तार दिए जाने का सवाल कहां से पैदा हो गया। कैप्टन ने कहा कि पुलिस के कामकाज संबंधी या फिर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के मामलों बारे खैहरा को कुछ नहीं पता। पंजाबी एकता पार्टी के नेता को ऐसे गैर-जिम्मेदार बयानों के द्वारा पंजाब के लोगों के साथ चालें चलने से बाज आना चाहिए।खैहरा की तरफ से पंजाब में कांग्रेस और अकालियों (जो केंद्र में भाजपा के सहयोगी हैं) के आपस में मिले होने के लगाए आरोपों के बारे में कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी जिसमें उस समय खैहरा भी शामिल होता था, ने साल 2017 के विधानसभा के चुनाव मुहिम के दौरान भी ऐसा खेल खेलने की कोशिश की थी जिसको उलटे मुंह की खानी पड़ी थी। उस समय ऐसे हथकंडे अपनाने का परिणाम ‘आप’ को भुगतना पड़ा था और अब खैहरा की पार्टी भी भुगतेगी।

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