कैप्टन का पैंतरा, लोकसभा भेज सिद्धू को पंजाब की राजनीति से बाहर करने की तैयारी?

punjabkesari.in Friday, Jan 04, 2019 - 10:51 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की लगातार हाईकमान के साथ बढ़ती नजदीकियां व पंजाब की सियासत में बढ़ते कद ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की नींद हराम कर दी है। सिद्धू को पंजाब की सियासत से बाहर करने के लिए कैप्टन ने नया पैंतरा सोच लिया है, ताकि सिद्धू के बढ़ते कद को खत्म किया जा सके। लोकसभा चुनाव लड़वाकर सिद्धू को पंजाब की राजनीति से बाहर करने की कैप्टन ने पूरी तैयारी कर ली है।

ऑल इंडिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पास कैप्टन ने सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की सिफारिश भी भेज दी है। अब देखना होगा कि हाईकमान सिद्धू को लोकसभा चुनाव में उतारकर केंद्र की राजनीति में उन्हें आने का मौका देगा या फिर पंजाब की सियासत में ही कैप्टन के पर कुतरने के लिए सिद्धू को लोकसभा चुनाव से दूर रखा जाएगा। श्री करतारपुर कॉरीडोर मामले में जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पाकिस्तान जाने का न्यौता ठुकरा कर पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था, वहीं अपने ही मुख्यमंत्री के आदेशों को दरकिनार कर सिद्धू पाकिस्तान पहुंच गए थे। इस पूरे मामले में क्योंकि सियासत कम और आस्था ज्यादा जुड़ी थी तो कैप्टन की बजाय सियासत में सिद्धू को ज्यादा माइलेज मिली। इसके बाद पाकिस्तान से लौटते ही बुलंद हौसलों के साथ सिद्धू ने कैप्टन के खिलाफ बयान दाग दिया था। 


प्रैस कान्फ्रैंस में एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने साफ कहा था कि कौन कैप्टन...वो तो आर्मी के कैप्टन थे, मेरे कैप्टन तो राहुल गांधी हैं। सिद्धू के इस बयान के बाद कैप्टन के राजनीतिक परखच्चे उड़ते नजर आ रहे थे। कैप्टन के खासमखास विधायकों ने यह साबित करने में पूरा जोर लगा दिया था कि पंजाब का कैप्टन सिर्फ अमरेंद्र सिंह ही है। इसके बाद सिद्धू को मुख्य प्रचारक के तौर पर हाईकमान ने छत्तीसगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में झोंका। पार्टी के लिए परिणाम बेहद सुखद रहे। जहां-जहां सिद्धू ने प्रचार किया, उस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया। इस प्रचार अभियान के दौरान सिद्धू की आवाज भी चली गई, मगर हाईकमान की नजर में सिद्धू की आवाज बेहद बुलंद हो चुकी थी। सिद्धू के बढ़ते सियासी कद को भांपते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पिछले माह अपने विधायकों के साथ लंच डिप्लोमेसी का खेल भी खेला था। मगर विधायकों की संख्या ज्यादा न होने के कारण कैप्टन का यह खेल भी औंधे मुंह गिरा था। इसके बाद से ही सिद्धू लगातार कैप्टन की आंखों में खटक रहे थे। 

बताया जा रहा है कि खुद का उदाहरण देते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राहुल गांधी से कहा है कि जिस तरह 2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें अमृतसर लोकसभा सीट से उतारा गया था, उसी तरह नवजोत सिंह सिद्धू को इस बार अमृतसर लोकसभा सीट से उतारा जाए क्योंकि सिद्धू के उतरने से कांग्रेस की पंजाब में खासी हवा बन जाएगी। सिद्धू के नाम की सिफारिश के पीछे कैप्टन का खेल साफ देखा जा सकता है। दरअसल सिद्धू को लोकसभा में भेजकर कैप्टन पंजाब की सियासत से उनका पत्ता काटना चाहते हैं, ताकि आने वाले दिनों में पंजाब की सियासत में सिद्धू कहीं कैप्टन के लिए कोई जोखिम न बन जाए। सिद्धू के अलावा भी कैप्टन अमरेंद्र सिंह चाहते हैं कि सुनील जाखड़ को गुरदासपुर तो राणा गुरमीत सिंह सोढी को फिरोजपुर लोकसभा सीट से उतारा जाए।  इसके अलावा एक अन्य कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला को भी कैप्टन लोकसभा चुनाव लड़वाने के इच्छुक हैं। अब गेंद हाईकमान के पाले में है। देखना होगा कि कैप्टन का सिद्धू के खिलाफ यह पैंतरा आने वाले दिनों में सीधा पड़ता है या उलटा। 

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