चुनावी साल में 5 लाख से ज्यादा किसानों के कर्ज माफ,कैप्टन की सौगात या चुनावी पैंतरा

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2019 - 10:13 AM (IST)

जालंधर(सूरज ठाकुर):कैप्टन सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने करीब 2 साल के कार्यकाल में 5 लाख 83 हजार छोटे किसानों के 2 लाख तक के 4736 करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर दिए हैं। इनमें से 2018-19 यानी  चुनावी वर्ष में ही 5 लाख 11 हजार 834 किसानों के 4366 करोड़ के कर्जे माफ किए गए हैं, जोकि 2 सालों में की गई कर्ज माफी की राशि का 92.19 फीसदी हिस्सा है। अब इसे चुनावी पैंतरा कहें या फिर सरकार की सौगात, लेकिन सियासी मुद्दों में कांग्रेस इसे खूब भुना रही है। 

बिछ गई है चुनावी बिसात 
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर सियासी जंग की बिसात सभी राजनीतिक दल बिछा चुके हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्तासीन है, जाहिर है सरकार के करीब 2 वर्ष के कार्यकाल की योजनाएं और जनता के लिए किए गए विकास कार्य विपक्ष के निशाने पर रहेंगे। वर्तमान में किसान, ड्रग्स और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के 3 ज्वलंत मुद्दे सियासत के चारों ओर घूम रहे हैं। सरकार के 2 वर्षों के कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो सरकार ने किसानों को रिझाने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसी कड़ी में आपको बताने जा रहे हैं किसान कर्ज माफी के मुद्दे के बारे में।   

कांग्रेस सरकार ने पहले साल 12 फीसदी किसानों के किए थे ऋण माफ 
सत्ता में आने के बाद 2017- 2018 के दौरान सरकार ने 71,166 किसानों के 370 करोड़ के कर्जे माफ किए जोकि अभी तक कर्जों के लिए भुगतान की गई राशि 4736 करोड़ रुपए का मात्र 7.81 फीसदी था। आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने अपने पहले साल के कार्यकाल में 5 लाख 83 हजार किसानों में से 12.20 फीसदी किसानों के ऋण माफ किए जबकि शेष 87.80 फीसदी किसानों के कर्ज चुनावी साल में माफ किए गए। इन आंकड़ों से सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना स्वाभाविक सा हो जाता है। सरकार पहले साल से ही इसी स्पीड से यदि किसानों के कर्जे माफ करती तो यह आंकड़ा 10 लाख को भी टच कर सकता था। अलबत्ता इन सब आंकड़ों को झुठलाते हुए सूबे की कांग्रेस सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। 

पी.एम. मोदी भी लगा चुके हैं गुमराह करने के आरोप 
शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और आम आदमी पार्टी किसानों की कर्ज माफी को लेकर सरकार पर अंगुलियां उठा रही हैं। यही नहीं पी.एम. मोदी तक ने जनवरी माह में गुरदासपुर में हुई रैली में कांग्रेस सरकार पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। हिमाचल के धर्मशाला में हुई रैली में तो मोदी ने यह कह डाला था कि पंजाब में एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है। इस पर पंजाब सरकार ऑन रिकार्ड आंकड़े भी मुहैया करवाने को तैयार हो गई थी। 

जरूरतमंद किसानों को नहीं मिली राहत : श्वेत मलिक 
पंजाब भाजपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक का कहना है कि मौजूदा समय में पंजाब का किसान जिस हालात में पहुंच गया है उसके लिए भी पंजाब सरकार ही जिम्मेदार है, किसानों से 90 हजार करोड़ का कर्जा माफी का वायदा कर सिर्फ कुछ 100 करोड़ की कर्ज माफी भी जरूरतमंद किसानों को नहीं मिली। किसान इतने दबाव में आ गया है कि करीब 500 किसान पिछले 15 महीनों में आत्महत्याएं कर चुके हैं। वह कहते हैं कि पंजाब सरकार द्वारा गठित पंजाब किसान कमीशन ने किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली बंद करने की सिफारिश की है। इस कमीशन के चेयरमैन पंजाब कांग्रेस के पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ के भतीजे अजयवीर जाखड़ हैं। 

आत्महत्या करने वाले किसानों पर 2 लाख से ज्यादा कर्ज : शिअद 
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा के बयान के मुताबिक कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर गुमराह किया है। उनका मानना है कि पहले किसानों से 90 हजार करोड़ की कर्ज माफी का वादा किया गया था, जिसे बाद में सीमित कर लिया गया। इस कर्ज माफी का लाभ सिर्फ उन किसानों को मिल रहा है जिनका कर्ज ही 2 लाख रुपए से कम है। जबकि सूबे में आत्महत्या करने वाले किसानों पर 2 लाख रुपए से ज्यादा कर्ज था। सरकार ने सभी किसानों का 2-2 लाख का कर्ज माफ किया होता तो भी यह कहा जा सकता था कि सरकार कर्ज माफी को लेकर गंभीर है।  

पूर्ण कर्ज माफी से मुकरी सरकार: आप
 आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब प्रधान व सांसद भगवंत मान कहते हैं कि कैप्टन सरकार पूर्ण कर्ज माफी से मुकर गई है। किसान राहत के नाम पर कुछ किसानों के कर्ज माफ करके उसका लाभ लोकसभा चुनाव में उठाने की कोशिश कर रही है। मान का कहना है कि कर्ज माफी को लेकर गांव-गांव और शहर-शहर कैप्टन सरकार अपनी झूठी उपलब्ध्यिों के होर्डिंग्स और पोस्टर लगवा रही है और सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। प्रदेशभर के गांवों और कस्बों में यह होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं। अब जनता जाग चुकी है और वह इन होर्डिंग्स और पोस्टर्स के झांसे में नहीं आएगी।

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