जस्टिस गिल ने 14 और झूठे केसों में कार्रवाई की सिफारिश की

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 02:31 PM (IST)

जालंधर(धवन): जस्टिस मेहताब सिंह गिल आयोग ने पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल में दर्ज किए गए 14 और झूठे केसों के मामले में कार्रवाई करने की सिफारिश की है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सत्ता में आने के बाद गिल आयोग का गठन किया था।

गिल आयोग ने अब तक 14 अंतरिम रिपोर्टें अगस्त-2017 के बाद से कैप्टन सरकार को सौंपी हैं। पिछले रिपोर्ट नवम्बर महीने में मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह को सौंपी गई थी। राज्य सरकार ने गिल आयोग की सिफारिशों को देखते हुए 359 मामलों में से 301 मामलों में कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं। गिल आयोग का गठन होने के बाद से अब तक 2507 झूठे केसों की शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है जबकि अभी भी गिल आयोग को 1820 शिकायतों में अपना फैसला सुनाना है। पुलिस विभाग अब तक 10 मामलों में दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई कर चुका है तथा 29 मामलों में झूठी एफ.आई.आर. को देखते हुए पीड़ितों को मुआवजा भी दिया गया है।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि 190 केसों में विभिन्न अदालतों में झूठी एफ.आई.आर. को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सबसे ज्यादा झूठी एफ.आई.आर. भटिंडा जिले से संबंध रखती हैं जिनकी गिनती 65 बताई गई है जबकि अमृतसर में 20 व मोगा में 14 झूठी एफ.आई.आर. को रद्द करने की सिफारिशें हुई हैं। फरीदकोट तथा फिरोजपुर में 11-11 झूठी एफ.आई.आर. को रद्द करने की सिफारिश गिल आयोग ने की है। गिल आयोग का कार्यकाल 5 अक्तूबर 2018 को समाप्त हुआ था, जिसके बाद मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने इसका कार्यकाल 1 वर्ष के लिए और बढ़ा दिया था। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सत्ता में आने से पहले कांग्रेसियों व अन्य लोगों के विरुद्ध दर्ज झूठे मामलों को रद्द करने की सिफारिशें की थीं जिसके बाद ही गिल आयोग का गठन हुआ था।

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