कैप्टन की तरफ से पंजाब में वायरोलौजी सैंटर स्थापित करने का केन्द्र से आग्रह

punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 10:38 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वो राज्य में ‘एडवांस्ड सैंटर फॉर वायरोलौजी' (विषाणु -विज्ञान का केंद्र) की स्थापना के लिए 550 करोड़ रुपए की मदद करे जिसके लिए राज्य सरकार ने मुफ्त जमीन देने की भी पेशकश की है। मुख्यमंत्री ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर अपील की कि वह प्रस्तावित केंद्र की स्थापना के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण को निर्देश देें जो कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए विषाणु-विज्ञान, जांच, अनुसंधान और इलाज के अध्ययन में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और सांसारिक जरूरतों के हल पर केंद्रित होगा। 

कैप्टन ने बताया कि इस वायरस के रोग की अचानक हुई शुरुआत और सिर्फ दो महीनों में इसके महामारी के रूप धारण करने से विषाणु विज्ञान के क्षेत्र में गहरे अनुसंधान के लिए सरकार के अधिक संसाधन जुटाने की जरूरत की तरफ ध्यान खिंचा है। उन्होंने बताया कि इस समय पर पुणे में स्थित नेशनल इंस्टीच्युूट ऑफ वायरोलौजी (एन.आई.वी.) ही देश में एकमात्र संस्था है जो ऐसी संकटकालीन स्थिति में अच्छे तालमेल वाला मैडीकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया प्रदान करने के समर्थ है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज के हलात में जब विश्व ‘सार्स कोव-19 ' (कोविड -19) की छूत के साथ जकड़ा हो तो वायरस की जांच और अनुसंधान के तौर पर क्षेत्रीय लैबारटरी के तौर पर एडवांस्ड सैंटर फॉर डायगनौस्टिक वायरोलौजी एंड रिर्सच की अधिक जरूरत है। 

उन्होंने कहा कि वायरस के कारण बार-बार महामारी निरंतर खतरा बन जाती है और हमारे लिए भविष्य की संभावनाएं तलाशने के लिए तैयार होना लाजिमी है जिससे जरुरी एहतियादी कदम उठाए जा सकें। पंजाब में केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव इस दिशा में अगला कदम सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विशेष केंद्र न्यू चंडीगढ़ में मैडीसिटी में स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया है जो चंडीगढ़ में अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क सेवा होने के कारण उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के हितों की पूर्ति कर सकेगा। इस केंद्र को पी.जी.आई. के तहत विकसित जा सकता है जो प्रस्तावित मैडीसिटी केवल 7-8 किलोमीटर दूर स्थित है।

Mohit