विधायकों के अलग रंग, कैप्टन को कैप्टन साबित करने में लगाया जोर

punjabkesari.in Thursday, Dec 06, 2018 - 11:08 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को रिकार्डतोड़ सीटें इसलिए जिताई थीं कि लोग कांग्रेस से बेहद उम्मीदें लगाए हुए थे। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार बदलने के साथ ही प्रदेश की बयार भी बदलेगी और पंजाब दोबारा विकास के पथ पर दौड़ेगा मगर लगता है कि प्रदेश की कैप्टन सरकार को रिकार्डतोड़ जीत हजम नहीं हो रही है।

लोगों की बात करने, प्रदेश के विकास की बात करने की बजाय पार्टी के भीतर ही एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का खेल खेला जा रहा है। कभी बाजवा-कैप्टन विवाद तो कभी सिद्धू-कैप्टन विवाद और कभी जाखड़-कैप्टन विवाद में ही पार्टी उलझ कर रह गई है। मगर सबसे हैरानी की बात यह है कि इसे वफादारी कहें या राजनीति के रंग। इस विवाद से पार्टी के विधायक भी अछूते नहीं हैं। विधायक भी विकास की बात या जनता की बात करने की बजाय इस बात में जुटे हैं कि उनका कैप्टन कौन है। बोर्ड लगाकर दर्शाया जा रहा है कि अमरेंद्र ही उनके कैप्टन हैं मगर बोर्ड लगाकर कैप्टन को कैप्टन साबित करने पर पूरा जोर लगा दिया गया। जनता का एक ही सवाल है कि जिन विधायकों को 20 से 30 हजार के भारी मतों से जिताया क्या वे कभी विकास की बातें भी करेंगे। लोगों का कहना है कि न तो शहर में कोई विकास का काम हो रहा है और न ही कोई भविष्य की योजना बनाई जा रही है।

सड़कें चारों तरफ टूटी हुई है, स्ट्रीट लाइट गायब हो चुकी हैं, आवारा कुत्तों की भरमार है, सीवरेज जगह-जगह जाम हैं, हरे-भरे पार्क सूख चुके हैं, ट्रैफिक की समस्या विकराल हो चुकी है, चारों तरफ अवैध कब्जों की भरमार हो रही है और नगर निगम व सरकार के पास तो तनख्वाह तक देने के पैसे नहीं हैं। जनता का सवाल है कि ऐसे में इन समस्याओं को दूर करने की तरफ विधायक ध्यान देंगे या अपने कैप्टन को कैप्टन साबित करने में ही अपनी पूरी एनर्जी लगाएंगे। जनता का कहना है कि डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत गया है और अगर ऐसे ही अगले कुछ साल चलता रहा तो इन विधायकों को अगली बार जनता के बीच जाकर जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।

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