ED ने अमरेन्द्र के दामाद पर कसा शिकंजा,अब विरोधियों के निशाने पर होंगे कैप्टन

punjabkesari.in Thursday, Jul 04, 2019 - 08:32 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): कांग्रेस गलियारों में उस समय हड़कंप मच गया जब बहुकरोड़ी बैंक कर्ज घोटाले के मामलों में प्रवर्तन निदेशालय के राडार पर चल रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के दामाद गुरपाल सिंह व अन्य आरोपियों पर ई.डी. ने शिकंजा कस दिया। ई.डी. ने गुरपाल सिंह से सबंधित सिंभावली शूगर्स लिमिटेड की 109.8 करोड़ की सम्पत्ति कुर्क की है। 

कैप्टन की नहीं मामले में कोई भूमिका
इस धोखाधड़ी के केस में गुरपाल के अलावा घोटाले में करीब एक दर्जन अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि कै. अमरेन्द्र की इस मामले को कोई भूमिका नहीं है, परंतु फिर भी दामाद के बहाने वह अब विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। 

प्रिवैंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत की गई कार्रवाई
ई.डी. के मुताबिक धोखाधड़ी मामले में सारी कार्रवाई प्रिवैंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पी.एम.एल.ए.) 2002 के तहत की गई है, जिस पर उत्तर प्रदेश में हापुड़ के सिंभावली में स्थित कम्पनी की इकाई की जमीन, इमारतें, संयंत्र और मशीनरी जैसी सम्पत्तियों को कुर्क करने का एक अंतरिम आदेश जारी किया गया था। 

किसानों के नाम पर की है धोखाधड़ी
दरअसल सी.बी.आई. ने ‘गन्ना किसानों को वित्तीय मदद देने के बहाने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के साथ धोखाधड़ी करने’ के मामले में कम्पनी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी क्योंकि यह कर्ज 5762 गन्ना किसानों के नाम पर लिया गया था। सी.बी.आई. इस मामले में गुरपाल सिंह से पूछताछ कर चुकी है।   बैंक की तरफ से सी.बी.आई. को दी गई शिकायत में कहा गया कि पहले से ही नॉन-परफॉर्मर अकाऊंट (एन.पी.ए.) चल रही सिंभावली शूगर्स मिल को बैंक ने गन्ना किसानों को खेती करने के लिए आर.बी.आई. द्वारा 2011 में जारी किए गए एक परिपत्र के आधार पर 2012 में लोन को मंजूरी दी थी।

सी.बी.आई. ने 2018 में शिकायत की थी दर्ज
यह सारा मामला फरवरी-2018 में तब उजागर हुआ था, जब सी.बी.आई. ने शूगर मिल और कुछ अधिकारियों के खिलाफ करीब 110 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की एफ.आई.आर. दर्ज की। यह केस ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओ.बी.सी.) की शिकायत पर दर्ज किया गया था। सी.बी.आई. ने अपनी एफ.आई.आर. में कम्पनी के डिप्टी मैनेजिंग डायरैक्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के दामाद गुरपाल सिंह का नाम शामिल किया था। गुरपाल के अलावा घोटाले में करीब एक दर्जन अन्य लोगों के भी नाम हैं।

किसानों के पैसे को निजी इस्तेमाल में खर्च कर दिया
 सिंभावली शूगर्स लिमिटेड पर आरोप है कि गन्ना किसानों को लोन देने के नाम पर उसने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को करोड़ों का चूना लगाया है। दर्ज एफ.आई.आर. के मुताबिक बैंक ने वर्ष 2012 में कम्पनी को 148.59 करोड़ का लोन दिया था जोकि 5762 किसानों को बांटा जाना था। 

वित्तीय संकट से गुजर रही है कंपनी
जांच में पता चला है कि कम्पनी वित्तीय संकट से गुजर रही थी। संकट से निजात पाने की खातिर कम्पनी ने बैंक से सम्पर्क करके किसानों को ऋण देने के लिए लोन की मांग की, जिसके बाद बैंक और कम्पनी के बीच 18 जनवरी 2012 को एम.ओ.यू. साइन किया गया। बैंक ने कम्पनी को लोन तो दे दिया लेकिन कम्पनी ने न तो किसानों में राशि बांटी और न ही बैंक को रकम वापस लौटाई।

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