वफादारी पर सवाल उठाने पर कैप्टन ने दिया हरसिमरत को करारा जवाब

punjabkesari.in Friday, Jan 11, 2019 - 01:55 PM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अकाली दल की नेत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा मुख्यमंत्री की वफादारी पर सवाल उठाने पर उन्हें जवाब देते हुए कहा है कि मैं तो अपने राज्य (पंजाब) तथा अपनी पार्टी के प्रति पूरी तरह से वफादार हूं परन्तु आप तो केवल अपने व्यक्तिगत हितों के लिए निष्ठावान हैं। 

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि हरसिमरत तथा बादलों के लिए न तो पंजाब और न राज्य के लोग और न ही सिख पंथ कोई मायने रखता है। उनके लिए केवल व्यक्तिगत हितों की पूर्ति करना ही प्रमुख है। मुख्यमंत्री ने हरसिमरत के बयान को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि हरसिमरत की पंजाब के प्रति वफादारी संदेह के घेरे में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत की अकाली दल के प्रति वफादारी को लेकर भी अकाली दल के कई सदस्यों ने सवाल उत्पन्न किए हैं, जबकि पंजाब के लोग हरसिमरत व उनकी पार्टी को रिजैक्ट कर चुके हैं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने हरसिमरत द्वारा उनके व उनकी सरकार पर लगाए आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने यह आरोप केवल आगामी लोकसभा चुनावों पर नजर रखते हुए लगाए हैं। पंजाब के लोगों ने कुछ सोच-समझ कर ही 2 वर्ष पहले अकाली नेतृत्व व उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था तथा अकाली दल राज्य में तीसरे स्थान पर खिसक गया।

अब अकाली दल को लोकसभा चुनाव में भी अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही है। अब हताशा की स्थिति में अकाली नेता अनाप-शनाप बयान देने में लगे हुए हैं जिनका जनता पर कोई असर नहीं है। पंजाब में कांग्रेस सभी 13 सीटों पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने हरसिमरत के दावों को रद्द करते हुए कहा कि करतारपुर कॉरीडोर के लिए केन्द्र सरकार ने अभी तक कुछ भी राशि जारी नहीं की है। जब तक केन्द्र सरकार पैसा जारी नहीं करता है, तब तक करतारपुर कॉरीडोर पर पंजाब सरकार आगे कैसे बढ़ सकती है। हरसिमरत को इस संबंध में जवाब देना होगा। करतारपुर कॉरीडोर तथा पंथ दोनों मामलों में ही बादलों ने लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने की कोशिश की परन्तु इसका परिणाम उन्हें उलटा भुगतना पड़ रहा है। राज्य में हुए सभी चुनावों में जनता ने उन्हें ठुकरा दिया है। 

शिअद ने हमेशा लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने की कोशिश
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि शिअद ने हमेशा लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने की कोशिश की है। इनमें उनका राजनीतिक स्वार्थ छिपा होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1984 के दंगों के मामले में भी बादलों ने धर्म का सहारा लेने की कोशिशें कीं तथा गांधी परिवार पर गलत आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में दंगे हुए थे तो सुखबीर स्वयं यहां पर नहीं थे। बादल अगर सिख समुदाय के प्रति गंभीर है तो उन्हें 1984 के दिल्ली दंगों में भाजपा व आर.एस.एस. के नेताओं की शमूलियत का नाम भी सार्वजनिक रूप से लेना चाहिए था। राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं में भी अकाली नेतृत्व अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता है।

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