कैप्टन अमरेंद्र का बड़ा बयानः अब मिलावटी नशे से मर रहे हैं लोग (Watch Video)

punjabkesari.in Monday, Jul 09, 2018 - 05:33 PM (IST)

होशियारपुर (अमरीक कुमार): पंजाब सरकार द्वारा ड्रग तस्करों के खिलाफ की जा रही बड़ी कार्रवार्इ के बाद अब मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान दिया है कि तस्करों पर नकेल कसने के बाद नशेड़ियों को नशा उपलब्ध नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि अब पंजाब में नशे के कारण हो रही मौतें ओवरडोज से नहीं बल्कि नशेड़ियों को मिलावटी नशे के सेवन के कारण अपनी जान गंवानी पड़ रही है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां के निकट जहान खेलन पुलिस भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र में पासिंग आउट परेड के बाद पत्रकारों से कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ही ऐसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है । राज्य में नशे के सौदागरों तथा माफिया के खिलाफ छेड़े गए अभियान के कारण नशा तस्करों की पीठ टूट गर्इ है तथा नशे की सप्लाई लाइन टूटने से नशे के आदी लोगों को मिलावटी नशा मिल रहा है जिसके सेवन से ये मौतें हो रही हैं । कैप्टन ने पुलिसकर्मियों तथा सरकारी मुलाजिमों डेाप टैस्ट कराए जाने के बारे में लिये गये अपने फैसले को सही ठहराते हुये कहा है कि ऐहतियाती तौर पर ऐसे टैस्ट तो सेना में भी होते  हैं । कैप्टन  ने चुने गए जन प्रतिनिधियों तथा राजनेताओं से पुन: आग्रह किया कि वे अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर डोप टैस्ट कराए ।

नशे की तस्करी के आरोपियों को फांंसी की सजा दिए जाने के प्रस्ताव का उद्देश्य इस बुरार्इ का पूरी तरह पंजाब से खात्मा करना है । उन्होंने बताया कि नशेड़यिों की हो रही मौतों से घबराकर उपचार के लिए बड़ी संख्या में नौजवान उपचार के लिए नशा मुक्ति केन्द्रों पर पहुंच रहे हैं । उससे स्पष्ट है कि लोगों में चिंता बढ़ी है और कुछ युवक तो नशा छोड़कर सरकार के नशा विरोधी अभियान में शामिल होकर जागरूकता अभियान में भाग लेने की इच्छा जता चुके हैं ।  मोगा के पूर्व एसएसपी राजजीत सिंह के विरूद्ध केस के बारे में उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय पहले ही मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन कर चुका है और रिपोर्ट अदालत को सौंपी जा चुकी है 1 राजजीत पासपोर्ट अदालत में सौंप जमा करा रहा है इसलिये उसके विदेश भागने का कोई खतरा नहीं है । अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के बारे में उन्होंने कहा कि एसआईटी अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है तथा मामला अदालत के विचाराधीन है ।   स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की अपनी मांग दोहराते हुये उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा हाल में खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना वृद्धि करना सियासी ढकोसला के सिवाय और कुछ नहीं ।  

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