पंजाब में जल संकट का खतरा, CM कैप्टन ने जनता से की अपील

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2019 - 05:44 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा है कि हमारी अपनी करनी से पर्यावरण प्रदूषित तथा जल संकट गहराता जा रहा है ऐसे में पंजाब अगले 20 साल में मरूस्थल बन जाएगा । उन्होंने आज पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सभी नागरिकों से अपील की है कि वे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाएंगे तो खुद भी स्वस्थ रहेंगे अन्यथा आने वाले समय में प्रदूषण भयावह बीमारियां लेकर आ रहा है ।
 

उन्होंने लोगों से भूमिगत पानी के संरक्षण की जिम्मेदारी निभाने की अपील करते हुए कहा कि पंजाब में भूमिगत जल काफी नीचे चला गया है जो चिंता का विषय है। अगले 20 सालों में पंजाब के मरूस्थल बनने की रिपोटरं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त बिजली तथा पानी के कारण इसकी बर्बादी हुई है तथा किसानों को अपनी जिम्मेवारी का अहसास करने की जरूरत है । अमृतसर के हवाई सफर का अपना तर्जुबा साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ब्यास नदी का पानी तो साफ दिखाई दिया लेकिन दूसरी ओर सतलुज नदी का पानी गंदा था जिसका पानी शहरों तथा कस्बों और औद्योगिक प्रदूषण के कारण गंदला हुआ है । उन्होंने कहा कि चाहे पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोड नदियों के पानी को साफ बनाए रखने के भरसक प्रयास कर रहा है लेकिन लोगों को भी इस बारे में सोचना होगा ।
 

 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश को पर्यावरण से बचाने के लिए जामुन तथा आम जैसे पेड़ लगाने की अपील की । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सड़कों के दोनों किनारे सफेदे के पौधे लगाने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं । पर्यावरण के हल के लिए सभी को दलगत राजनीति से उपर उठकर विचार करने की आवश्यकता है ताकि भावी पीढि़यों को स्वच्छ पर्यावरण मिल सके । आज मिशन तंदरूस्त पंजाब की पहली वर्षगांठ भी है उन्होंने कहा कि सरकार नीतियां बनाकर लागू कर सकती है लेकिन अमलीजामा पहनाना हर नागरिक का भी कर्तव्य है । उद्योगों को पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए बने नियमों की सख्ती से पालना करनी जरूरी है । उन्होंने इस अवसर पर गुरू नानक देव का स्मरण करते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा के बारे में तो गुरू साहिब ने भी लोगों को संदेश दिया जिस पर सभी को गौर करने की जरूरत है।


उन्होंने इस वर्ष के अंत तक बुढे नाले की सफाई का प्रोजेक्ट आरंभ करने का भी ऐलान करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिये हरेक व्यक्ति की जिम्मेवारी बनती है। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में भी सफेदे के पौधे लगाने पर पाबंदी लगाई थी । मुख्यमंत्री ने फसल बदलीकरण की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि माछीवाडा में खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र लगाया जा रहा है । पानी की स्थिति बदतर होती जा रही है । ग्लेशियर पिघल रहे हैं , जंगलात का रकबा घटता जा रहा है तथा हवा प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिसके कारण स्थिति को काबू करना समय की मांग है । 

 

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