कैप्टन अमरिंदर ने MSP को लेकर पीयूष गोयल को लिखा पत्र, रखी ये मांग

punjabkesari.in Sunday, Apr 04, 2021 - 06:07 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री को पत्र लिखकर 2020-21 के खरीफ मंडीकरण सीजन के लिए एम.एस.पी. के 3 प्रतिशत के हिसाब से भाव प्रति क्विंटल 54.64 रुपए आर.डी.एफ. अदा किए जाने की मांग की है। 

यह स्पष्ट करते हुए कि एम.एस.पी. के 1 प्रतिशत के हिसाब से आर.डी.एफ. की अदायगी पंजाब रुरल डिवेल्पमेंट एक्ट, 1987 के सेक्शन 5 की कानूनी धाराओं के उलट है, मुख्यमंत्री ने पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में कहा कि नोटिफाई की गई आर.डी.एफ., विभाग द्वारा जारी 24 फरवरी, 2020 के उस पत्र के भी उलट है जिसके अंतर्गत राज्यों से सलाह-मशवरा करके खरीद संबंधी सुधारे गए नियम तय किए गए थे। पत्र में नीचे लिखीं अनुमतियां प्रदान की गई 

‘‘1. खरीद कार्यों के संबंध में किसी भी राज्य या राज्यों के लिए इस विभाग द्वारा स्वीकृत मार्केट फीस या कोई अन्य फीस/चुंगी/कर 
2. राज्यों द्वारा नोटिफाई की गई दरें पी.सी.एस. और एफ.सी.एस. दोनों के लिए स्वीकार की जाएंगी।’’

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आर.डी.एफ. की दर में किसी भी तरह की एकतरफा कटौती न तो खरीद के सिद्धांत के अनुसार है और न ही यह राज्य की विधानसभा की तरफ के पास किए कानून के अनुसार है। इसलिए यह हमारे देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब द्वारा वसूली जाती मार्केट फीस और आर.डी.एफ. बाकायदा कानून के अंतर्गत नोटिफाई की गई हैं जिन्हें खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा मंजूरी भी दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि आर.डी.एफ. को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा जारी अस्थायी कीमत सूची में पहली बार अस्वीकार किया गया है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब के खाद्य और सिविल सप्लाई विभाग ने 31 अक्तूबर, 2020 को इस संबंधी विस्तृत पत्र लिखा था और उसके बाद उन्होंने 13 दिसबंर, 2020 को अपने अर्ध-सरकारी पत्र के द्वारा पीयूष गोयल को आर.डी.एफ., जो कि बीते कई सालों से कानूनी तौर पर मंजूर चूंगी है, जल्द जारी करने की अपील की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने 14 जनवरी, 2021 को अपने एक पत्र द्वारा भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा 26 अक्तूबर, 2020 के पत्र द्वारा मांगी गई अपेक्षित सूचना भेज दी थी। इसके बाद खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा साल 2018-19 से लेकर 2020-21 के दरमियान आर.डी.एफ. की प्राप्ति और खर्चों के विवरण संबंधी सूचना भी निर्धारित प्रोफार्मा में 17 मार्च, 2021 के पत्र द्वारा जमा करवा दी गई थी।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दोहराया कि आर.डी.एफ. एक्ट के अंतर्गत इकट्ठी की गई चुंगी को ख़र्च करने के लिए कानूनी धाराएं मौजूद हैं और ग्रामीण ढांचे के विकास के लिए यह बहुत मददगार सिद्ध होती है। इससे कृषि उत्पादन और अनाज के मंडीकरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Content Writer

Sunita sarangal