वादा तेरा वादा: 4 हफ्तों में खत्म होगा पंजाब से नशा, कैप्टन के ये भी थे 5 बड़े वादे

punjabkesari.in Friday, Dec 21, 2018 - 04:09 PM (IST)

जालंधर। (सूरज ठाकुर) आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद देश के हर सूबे में सरकारें अदल-बदल कर आती रही हैं। हर पांच साल बाद विपक्ष में बैठा राजनीतिक दल सत्ता हासिल करने के लिए आतुर रहता है। चुनावी दौर शुरू होते ही राजनीतिक दल कुछ ऐसे वादे कर बैठते हैं, जो वास्तविक और तकनीकी तौर पर पूरे ही नहीं किए जा सकते हैं। अगर संभव हों भी तो समय लेते हैं। उदाहरण के तौर पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिहं ने सत्ता हासिल करने के लिए एक चुनावी जनसभा में गुटका साहिब की सौगंध खाकर ये वादा कर डाला था कि वह पंजाब से नशे को चार हफ्तों में खत्म कर देंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा संभव नहीं था, फिर भी सत्ता को हासिल करने के लिए उन्होंने इस वादे का इस्तेमाल किया। कैप्टन सरकार को मार्च 2019 दो साल हो जाएंगे, खत्म होते वर्ष 2018 के मौके पर punjabkesari.in आपको बताने जा रहा है नशे को खत्म करने के अलावा किए गए कांग्रेस के वो पांच और वादे जिन्हें सत्ता में आने के बाद पूरा करने में सरकार के हाथ पांव फूलते जा रहे हैं।  

उड़ता पंजाब...

कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भटिंडा में प्रचार के दौरान हाथ में गुटका साहिब उठा कर सरकार बनने पर चार हफ्तों में नशा खत्म करने का वादा किया था, पर हकीकत यह है कि पंजाब में नशा बादस्तूर जारी है। उनके अभी तक के कार्यकाल के दौरान विभिन्न जिलों में करीब डेढ़ दर्जन युवाओं के नशे से मौत के मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि जानकार इस आंकड़े को काफी ज्यादा मानते हैं क्योंकि ऐसे ज्यादातर मामलों में पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। पंजाब सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम ठंडी पड़ चुकी है। 

5 और सपने जो दिखाए थे कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने  ...

कर्जा-कुर्की खत्म, फसल की पूरी रकम...
1. सत्ता में आने से पहले पंजाब कांग्रेस ने नारा दिया था कि "कर्जा-कुर्की खत्म, फसल की पूरी रकम"। पंजाब सरकार का करीब पौने दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जबकि वादे के मुताबिक सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ किया और न ही प्रदेश में किसानों की कुर्की बंद हुई। नतीजन सीएम कैप्टन अमरेंद्र को खुद स्वीकार करना पड़ा कि चुनावी वादे के मुताबिक सभी किसानों का सारा कर्ज माफ करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।

जारी है किसानों की आत्महत्याओं का दौर...

सूबे में किसानों की आत्महत्याओं का दौर जारी है। मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पौने दो साल में 500 के करीब किसान आत्महत्या कर चुके हैं। सरकार बनने से पहले 90 हजार करोड़ रुपये के सारे सभी प्रकार के किसानों के कर्ज माफ करने के वादे किए गए थे। 

कर्ज माफी और दावे...

सरकार बनने के बाद किसानों के केवल सहकारी बैंकों के दो लाख रुपये के कर्ज को माफ करने का ऐलान किया गया, जिसे आधार बना कर सरकार आगे बढ़ रही है। इस साल 17 जनवरी को मुख्यमंत्री ने एक बार फिर ऐलान किया था कि 31 जनवरी तक एक लाख 60 हजार किसानों का सारा कर्ज माफ किया जाएगा इसे चार चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके तहत सरकार ने 10 लाख 25 हजार किसानों को लाभ देने का दावा किया गया।

घर घर नौकरी हर घर नौकरी...

2.कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावी घोषणा पत्र में पंजाब के हर घर से एक व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया था। पार्टी का नारा था "घर घर नौकरी हर घर नौकरी" वादा किया गया था कि सरकार हर साल 1.61 लाख लोगों को नौकरियां देगी। नौकरियां मुहैया करवाने के लिए सरकार पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के लिए सूबे के कई हिस्सों में रोजगार मेलों का अयोजन कर रही है। सूत्रों की माने तो सूबे इन मेलों में बेरोजगार युवाओं को जो रोजगार मिल रहा है, लेकिन इसके एवज में मिलने वाले वेतन से वे संतुष्ट नहीं हैं। 

3. 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता, महज सपना...

यह भी कहा गया था कि जब तक नौकरी नहीं मिलती तब तक 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।  बेरोजगारी भत्ते का सपना तो अब रेत के महल की तरह ढेर हो चुका है। इसलिए घर-घर नौकरी वाला चुनावी वादा अब बदल कर घर-घर रोजगार और कारोबार हो गया है।  

स्मार्टफोन का वादा...

4. चुनाव के दौरान स्मार्टफोन देने का वादा करते हुए कांग्रेस ने युवाओं से फॉर्म भरवाए थे अब तक उनमें से किसी को भी फोन नहीं मिला है। 2017 के बजट में पैसा रखने के बावजूद अब तक स्मार्टफोन नहीं मिले। अब सरकार ने इस वादे को लेकर बीते माह नवंबर में ही फिर से युवाओं को आश्वस्त किया कि मामले में प्रक्रिया जारी है और नए साल में स्मार्टफोन वितरित कर दिए जाएंगे। 

खनन माफिया और कैप्टन सरकार...

5.पंजाब कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र अकाली-भाजपा सरकार को माफिया की सरकार की संज्ञा दी थी। इसमें पार्टी ने दावा किया था कि प्रदेश में लोकतांत्रिक नहीं बल्कि रेत माफिया, केबल माफिया, शराब माफिया, ड्रग्स माफिया और ट्रांसोपर्ट माफिया का राज है। जिसे कांग्रेस ने सरकार बनने पर तुरंत खत्म करने का वादा किया था। इस मामले में सरकार ने कुछ भी नहीं किया और न ही किसी बड़े नेता को गिरफ्तार किया।

खुद ही घिर गई सरकार....

उल्टा सरकार के एक मंत्री को गैरकानूनी खनन में नाम आने के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा। जब रेत माफिया को लेकर मुख्यमंत्री ने हेलिकॉप्टर में से सतलुज में खनन होते देखा तो इसके बाद जालंधर और नवांशहर में कार्रवाई हुई।बताते हैं कि कार्रवाई के दौरान पाया गया कि एक पूर्व मंत्री और 11 कांग्रेसी विधायकों के नाम इससे जुड़ रहे हैं। अलबत्ता कैप्टन को उन्हें समझाने के लिए बैठक बुलानी पड़ी।

Suraj Thakur