आशु को कैबिनेट से बाहर निकाले कैप्टन: खैहरा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 26, 2019 - 06:37 PM (IST)

जालंधर: पंजाबी एकता पार्टी (पीएपी) ने मंगलवार को लुधियाना के सीएलयू घोटाला और नगर निगम के अधिकारियों को धकमाने पर राज्य के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु से इस्तीफे की मांग की है। 

पीएपी के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा कि आशु ने भूमि उपयोग को बदलने के मामले में लुधियाना नगर निगम में तैनात डी.एस.पी. बलविन्दर सिंह और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर.के गर्ग को धमकाया। उन्होंने कहा कि मंत्री ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का भी अपमान किया है। उन्होंने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि न्यायपालिका को चुनौती देने वाले मंत्री के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाए। आशु ने जमीनी मामले में नगर निगम के अधिकारी डी.एस.पी बलविंदर सिंह को छुट्टी पर जाने के लिए कहा था और कहा कि वह उच्च न्यायालय को बता सकते हैं कि मंत्री काम नहीं करने देता। 

उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा नगर निगम आधिकारियों को धमकाना कैप्टन अमरेंद्र सिंह के मंत्रियों की भ्रष्ट कार्यशैली का खुलासा करती है। खैहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर आशु को उसी समय हटा देना चाहिए था जब उसका नाम विधानसभा सत्र दौरान सामने आया था। उन्होंने कहा कि नियमों की अवहेलना कर डेवलपर को सी.एल.यू जारी किए जाने की बलविंदर सिंह ने निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के आदेशों की जांच की थी। जांच रिपोर्ट में सीएलयू घोटाले में आशु की संलिप्तता सामने आई है। 

खैहरा ने कहा कि कैप्टन सिंह दोषी मंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले भी मुख्यमंत्री रेत खनन मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को बचाने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के आदेश के पश्चात ही मुख्यमंत्री ने राणा गुरजीत सिंह को उनके पद से हटाया था। कैबिनेट मंत्री चरणजीत ङ्क्षसह चन्नी पर भी महिला अधिकारी को अश्लील संदेश भेजने का आरोप लग चुका है। पीएपी अध्यक्ष ने मांग की है कि सीएलयू मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने मंत्री आशु को नहीं हटाया तो पीएपी 28 फरवरी को आशु के लुधियाना स्थित निवास स्थल के समक्ष धरना देगी। 
 

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