कैप्टन मंत्रिमंडल श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सत्कार की मर्यादा भूला

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2019 - 08:57 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव की तैयारियों को लेकर सुर्खियां बटोरने में जुटे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह उस समय विरोधियों के निशाने पर आ गए जब सुल्तानपुर लोधी में पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत कै. अमरेन्द्र सिंह अपने सहयोगियों के साथ गुरुद्वारा श्री बेर साहिब माथा टेकने तो गए परंतु उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पावन हजूरी में सत्कार की मर्यादा का पालन करने की कोई जहमत नहीं उठाई।  

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गोलक में पैसे डाल बाहर निकले मुख्यमंत्री
कै. अमरेन्द्र ने केवल गोलक में चढ़ावा डाला और मर्यादा का उल्लंघन करते हुए केवल हाथ जोड़कर वहां से बाहर निकल गए। अपने मुख्यमंत्री की श्रद्धा भावना का अनुसरण करते हुए उनके साथ खड़े कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा, ओम प्रकाश सोनी, साधु सिंह धर्मसोत सहित ज्यादातर मंत्रियों ने न तो माथा टेकने की कोई जरूरत समझी और न ही गोलक में चढ़ावा डालना मुनासिब समझा परंतु कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने इस दौरान बड़े सत्कार सहित गुरु साहिब के समक्ष नतमस्तक होकर माथा टेका। पंजाब मंत्रिमंडल के गुरु साहिब की हजूरी के प्रति ऐसे व्यवहार ने श्रद्धालुओं के दिलों को खासी ठेस पहुंचाई। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री की गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पावन हजूरी की एक वीडियो सोशल मीडिया में खासी चर्चा का विषय बनी हुई है। 

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लोगों ने कहा-मात्र वाहवाही लुटने के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम करवा रही है सरकार 
लोगों का कहना है कि कै. अमरेन्द्र सरकार सुल्तानपुर लोधी में विशेष तौर पर 550वां प्रकाशोत्सव मनाने के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम करवाएगी। इस कार्यक्रम के लिए सरकार की तरफ से एक विशाल पंडाल लगाया जाएगा। क्या इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर कै. अमरेन्द्र व पंजाब सरकार मात्र वाहवाही लूटना चाहती है। अगर पंजाब मंत्रिमंडल में गुरु घर के प्रति सच्ची श्रद्धा व निष्ठा होती तो वे श्रद्धापूर्वक शीश झुकाकर माथा टेकने की बजाय मात्र गोलक को हाथ लगाकर चलते न बनते। यहां तक कि कांग्रेस सिख जगत की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटकर खुद के अलग आयोजन करने का दावा कर रही है परंतु लोगों का मानना है कि अगर प्रकाशोत्सव के मुख्य कार्यक्रम के दौरान भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा का इसी प्रकार उल्लंघन हुआ तो सुर्खियां बटोरने का दाव कहीं कांग्रेस सरकार पर उलटा ही न पड़ जाए। 


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