कैप्टन ने की चुनाव आयोग से शिकायत,PM बार-बार कर रहे हैं आदर्श आचार चुनाव संहिता का उल्लंघन

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2019 - 11:59 AM (IST)

जालन्धर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा द्वारा बार-बार बालाकोट हवाई हमले तथा पुलवामा के शहीदों का चुनावी सभाओं में प्रयोग करने के मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत की है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री के खिलाफ आदर्श आचार चुनाव संहिता की उल्लंघना को लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। चुनाव आयोग को भेजे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने महाराष्ट्र में दिए भाषण में बालाकोट हवाई हमले का बार-बार प्रयोग किया जोकि आदर्श आचार चुनाव संहिता की उल्लंघना है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने अभी तक प्रधानमंत्री से उनके भाषण को लेकर स्पष्टीकरण नहीं मांगा है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्रचिन्ह लग रहा है। वह पुलवामा के शहीदों के नाम पर भी वोटें मांग रहे हैं। 

प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद पर सुशोभित व्यक्ति को आदर्श आचार चुनाव संहिता की उल्लंघना करना शोभा नहीं देता है तथा यह एक निदनीय कार्य है। देश में लोकतांत्रिक प्रणाली को चोट पहुंचाई जा रही है। चुनाव आयोग को ऐसे मामलों में सीधी कार्रवाई करनी चाहिए। तभी देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बरकरार रखा जा सकेगा। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए आदर्श आचार चुनाव संहिता की उल्लंघना कर रहे हैं। 

कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट तौर पर सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिए थे कि वे रक्षा कर्मचारियों की तस्वीरों का प्रयोग चुनावी कार्यों के लिए न करें परन्तु इसका असर न तो प्रधानमंत्री पर हो रहा है और न ही भाजपा पर। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सशस्त्र सेनाएं हमारी सीमाओं की रक्षा, सुरक्षा करती हैं। उन्हें राजनीति में घसीटा नहीं जाना चाहिए। राजनीतिक अभियान के लिए उनके नाम या उन द्वारा किए गए हमले का जिक्र तक नहीं होना चाहिए। 

मोदी गंभीर हैं तो शहीदों के परिजनों को 1-1 करोड़ की सहायता देते
प्रधानमंत्री मोदी को सिर्फ वोटों की चिंता है। उन्हें देश के लोकतांत्रिक ढांचे की चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री शहीदों की कुर्बानियों को लेकर वास्तव में चिंतित हैं तो उन्हें शहीदों के परिजनों के लिए 1-1 करोड़ की सहायता राशि का ऐलान करना चाहिए था। 

 

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