विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए कैप्टन ने शुरू की वन-टू-वन मीटिंग

punjabkesari.in Sunday, May 06, 2018 - 12:32 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): पंजाब कैबिनेट के विस्तार को लेकर हुई बगावत शांत करने के लिए भले ही हाईकमान ने कमेटियों का गठन कर दिया है लेकिन कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भी अपने तौर पर विधायकों की नाराजगी दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। विधायकों के साथ वन-टू-वन मीटिंगें की जा रही हैं और विधायकों से न मिलने के आरोप झूठलाने के लिए उन फोटोज को कैप्टन ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर भी किया है। पंजाब में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार बनने के बावजूद 1 साल से ज्यादा समय तक अधूरे मंत्रिमंडल से काम चलाने को लेकर भले ही जो अटकलें लगाई जाती रही हों।

 

इसकी असली वजह यह रही कि मंत्री पद के मुकाबले दावेदारों की संख्या काफी ज्यादा होने के कारण नाम फाइनल करने में दिक्कत आ रही थी। इससे जुड़ा एक पहलू यह भी रहा कि कैप्टन व राहुल गांधी के बीच अपने करीबियों को एडजस्ट करने की सहमति नहीं बन पा रही थी। अब भले ही राहुल गांधी के दबाव में कैप्टन ने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया लेकिन उसमें राहुल से ज्यादा कैप्टन कैंप के लोगों को ही जगह मिली है। फिर भी मंत्री न बन पाने वालों ने बगावत का बिगुल बजा दिया है। इसी डर से कैप्टन द्वारा पहले मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला एक के बाद एक करके पैंडिंग किया जा रहा था।यहां बताना उचित होगा कि मंत्री न बन पाने से नाराज कई विधायक तो मीडिया के सामने खुलेआम भड़ास निकाल चुके हैं और 

 

कइयों ने सीधा राहुल गांधी के दरबार में दस्तक दी है। इसके मद्देनजर राहुल ने नाराज विधायकों को सुनकर रिपोर्ट देने के लिए मुकुल वासनिक व मलिका अर्जुन खडग़े की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। उधर, कैप्टन ने अपने तौर पर डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। वह नाराज विधायकों व नेताओं को चेयरमैन बनाने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। अब अपने ऊपर लगे न मिलने के आरोप झुठलाने के लिए विधायकों के साथ मीटिंग का सिलसिला भी शुरू कर दिया है, जिसके तहत वह विधायकों के साथ वन-टू-वन मिल रहे हैं और इसके सबूत के तौर पर उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर फोटोज भी शेयर किए हैं।

व्हाट्स एप कॉलिंग का सहारा ले रहे नेता व ऑफिसर
कैप्टन से नाराज चल रहे विधायकों द्वारा गुप्त मीटिंग करने के अलावा स्काइप की मदद से संपर्क में रहने की बात सामने आ चुकी है। इसी बीच यह चर्चा सुनने को मिल रही है कि बगावत से जुड़े लोगों की रिकॉर्डिंग हो रही है, जिसके डर से ऑफिसर व नेताओं द्वारा कोई भी गुप्त बात करने के लिए व्हाट्स एप कॉलिंग का सहारा ले रहे हैं क्योंकि यह कॉल ट्रेस नहीं हो सकती है।

कैप्टन का व्यू
कैबिनेट के विस्तार से और बेहतर प्रशासन मुहैया करवाने में मदद मिली है। इसके बाद मैं पिछले कुछ दिनों में विधानसभा इलाकों में विकास की बेहतरी के लिए बातचीत कर उनके सुझाव ले रहा हूं, ताकि सरकारी स्कीमों को बढिय़ा तरीके से लागू किया जा सके।

चन्नी के बाद बाजवा ने शुरू की खेमेबंदी

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हो रहे विरोध में मुख्य मुद्दा दलित वर्ग को नजरअंदाज करने का बनाया जा रहा है। इसके तहत कैप्टन की कैबिनेट के अंदर से भी बगावत के सुर उठ चुके हैं, जिसका सबूत नाराज विधायकों के चरणजीत चन्नी की अध्यक्षता में राहुल गांधी से मिलने के रूप में सामने आ चुका है। इसे चन्नी के डिप्टी सी.एम. की कुर्सी हासिल करने की कोशिश के तौर पर देखा गया लेकिन कोई खास असर नहीं पड़ा। हालांकि इस चक्कर में कैप्टन के पुराने विरोधी प्रताप सिंह बाजवा को मौका मिल गया है, जो ओ.बी.सी. विधायकों को इकट्ठा करके राहुल गांधी के साथ मीटिंग करवाने का प्रोग्राम बना रहे हैं, जिनकी इन कोशिशों की हवा निकालने के लिए ही कैप्टन द्वारा सीधा विधायकों से संपर्क किया गया है।

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