कैप्टन का पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी पर हमला, दी ये चेतावनी

punjabkesari.in Friday, Nov 26, 2021 - 07:18 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पंजाब कांग्रेस के सचिव इंचार्ज हरीश चौधरी की तरफ से उन पर मुख्यमंत्री रहते प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी और भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने के आरोपों को लेकर तीखी आलोचना की है। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि हालांकि उनको "एक नौकरी से बाहर हुए विधायक, जिसको बाड़मेर में कमलेश प्रजापत के कत्ल केस में मुलजिम के तौर पर नामज़द किए जाने कारण राजस्थान में मंत्री के पद से बर्खास्त किया गया है और जिस मामले को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सी.बी.आई. को सौंप दिया है, को कोई भी स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मैं मुख्यमंत्री होते प्रधानमंत्री या भाजपा के साथ कोई सांझेदारी रखता तो मैं किसान आंदोलन की हिमायत न करता और न ही खेती कानूनों को रद्द करने और इनके विरुद्ध विधानसभा में कानून के पास करन की मांग करता।

उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होने के नाते उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को मिलना होता था और इसी तरह उनके मंत्री भी अपने केंद्रीय हमरुतबा मंत्रियों के साथ मुलाकात करते हैं। कैप्टन ने चौधरी को ताना मारते कहा कि यहां तक कि आपका नया मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को मिलता है और आपके मूर्खतापूर्ण तर्क मुताबिक तो उसे भी भाजपा के साथ समझौता कर लेना चाहिए और अपने आपको बर्खास्त किए जाने का इन्तज़ार करना चाहिए।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह पहली बार है कि किसी पार्टी इंचार्ज ने राज्य को अपना पक्का ठिकाना बनाया है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के 14 इंचार्जों जैसे प्रणब मुखर्जी, मोहसिना किदवयी, जनार्धन द्विवेदी के साथ काम किया है और वह पंजाब में बहुत ही कम दख़ल देते थे। कैप्टन ने याद करवाया कि एक पार्टी इंचार्ज को राज्य में ही सैटल होने की ज़रूरत नहीं। उसका काम सिर्फ़ आपसी तालमेल बना कर रखना और पार्टीहाई कमान को ज़रूरी फीडबैक देना है।

कैप्टन ने कहा कि पंजाब में एक ऐसा व्यक्ति है, जिसको उसके अपने राज्य में एक कत्ल केस में नामज़द किए जाने कारण सरकार से बर्खास्त किया गया है और अब वह "पंजाब में मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारों का आनंद ले रहा है और मौजूदा मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह को एक रबड़ स्टैंप समझ कर हिदायतें जारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि चौधरी मंत्रीमंडल और आधिकारियों की ओर मीटिंगों में भी शामिल होता रहा है, जोकि ग़ैर-कानूनी और ग़ैर-संवैधानिक है। पूर्व मुख्यमंत्री ने हरीश चौधरी की तरफ से चंडीगढ़ में एक मंत्री का बंगला और पूरे पंजाब भवन को अपने अधिकार में लेने पर भी सवाल उठाए। जहां बैठ कर चौधरी मुख्यमंत्री समेत बाकी मंत्रियों और आधिकारियों को हुक्म देते हैं। 

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Content Writer

Subhash Kapoor

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