चीन के हमले के खिलाफ कैप्टन की तीखी प्रतिक्रिया, केंद्र को कहा- जवाब देने का आ गया है समय

punjabkesari.in Tuesday, Jun 16, 2020 - 06:44 PM (IST)

चंडीगढ़: लद्दाख़ की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प दौरान तीन भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर गहरा दुख और गुस्सा ज़ाहिर करते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को चीन की तरफ से भारतीय सरहद में बार -बार हो रही घुसपैठ और उल्लंघन खिलाफ भारत सरकार की तरफ से करारा जवाब देने का न्योता दिया।

इस घटना से गुस्से में आए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सख़्त प्रतिक्रिया देते कहा,''हमारे सैनिक कोई खेल नहीं कि हमारी सरहदों की सुरक्षा करते अफसरों और जवानों को हर थोड़े दिनों बाद मार या ज़ख़्मी कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह उस समय पर घटा जब दोनों तरफ से फौजें कई दिनों के तनाव की स्थिति से अलग होने की प्रक्रिया में थे।

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उन्होंने ने कहा,'अब समय आ गया है कि भारत पड़ोसी मुल्क की तरफ से बार -बार किये जा रहे हमलों का जवाब दे जो हमारे क्षेत्रीय अधिकारों की घोर उल्लंघन है और हमारी क्षेत्रीय प्रभुसत्ता पर होते हमलों को रोके। भारत की तरफ़ से किसी भी किस्म की कमज़ोरी के संकेत के साथ चीन की प्रक्रिया ओर हिंसक हो जाती है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हालाँकि सरहद पर तनाव घटाना सब से अधिक ज़रूरी है और भारत जंग के हक में नहीं है परन्तु फिर भी हमारा देश इस मौके कमज़ोरी नहीं दिखा सकता और चीन को किसी ओर घुसपैठ से रोकने और अपनी, सीमाएं और आदमियों पर हमले को रोक पहनने के लिए सख़्त कदम अपनाने की ज़रूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय फ़ौज के कमांडिंग अफ़सर और दो सैनिकों को बुरी तर्ज़ के साथ पीट कर मारने के बाद भी चीन बेकसूर होने का बहाना बना रहा है और भारत की तरफ से एकतरफा कार्यवाही कारण ऐसे हालात पैदा होने का दोष लगा कर सारा कसूर भारत के ऊपर डालने का यत्न कर रहा है। यह कहते कि ऐसी प्रतिक्रिया चीन की धोखेबाज़ी का हिस्सा है, मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारत -चीन सरहद के लद्दाख़ सैक्टर अंदर तनाव का बढ़ना चीनी फ़ौज की तरफ से भारतीय क्षेत्र में किये जा रहे बार -बार हमलों का नतीजा है।
उन्होंने लिखा, "हमारी ओर से कमज़ोरी का हर निशान, चीन की प्रतिक्रिया को और युद्धकारी बनाएगा। मैं अपने बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्र के साथ शामिल हूं राष्ट्र दुख की घड़ी में आपके साथ खड़ा है।"


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Edited By

Tania pathak

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