बढ़ते संक्रमण पर कैप्टन सरकार का नया फैसला, होंगे सभी कर्मचारियों के Corona Test

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2020 - 03:25 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब में कोरोना का कहर लगातार जारी है और हर रोज़ मरीज़ों की संख्या में बहुत ज़्यादा विस्तार होता जा रहा है। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दोबारा पूरे राज्य में पाबंदियां लगाने का निर्देश जारी करना पड़ा। मुख्यमंत्री की तरफ से अपने सोशल मीडिया लाइव प्रोग्राम में बार -बार लोगों को लक्षण दिखाई देने पर टेस्ट कराने की अपील की गई, जिसको राज्य के अलग -अलग जिलों में तैनात प्रशासनिक अधिकारीयों ने काफ़ी गंभीरता के साथ ले लिया है। शायद यही कारण है कि आधिकारिक तौर पर हुक्म जारी कर सभी विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने विभाग में तैनात मुलाजिमों को टैस्ट कराने के लिए अस्पताल में भेजे। मुलाजिमों का कहना है कि ऐसा निर्देश बेतुका है और लगता है कि सिर्फ़ नंबर बढ़ाने के चक्कर में जारी किया गया है।

टेस्ट मरीज़ों के लिए ज़रूरी या अधिकारियों-मुलाजिमों के लिए?
श्री मुक्तसर साहब के अधिकारियों की तरफ से जारी निर्देशों में अलग -अलग विभाग के 310 मुलाजिमों को रोज़मर्रा की सिविल अस्पताल श्री मुक्तसर साहब भेजने के लिए कहा गया है। यहाँ ट्रूनाट और एंटीजन की टेस्टिंग हो सकती है, जबकि आर. टी. पी. सी. आर. के लिए सैंपल फरीदकोट भेजने होंगे। यह निर्देश ऐसे समय में आया है, जब पंजाब में लगातार संदिग्ध मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है और पंजाब की टेस्टिंग सामर्थ्य 15000 रोज़मर्रा की है। ऐसे में यदि श्री मुक्तसर साहिब की ही तरह बाकी जिलों के अधिकारियों ने भी मुलाजिमों के कोरोना टेस्ट करवाने लाज़िमी कर दिए तो लगभग 7,000 टैस्ट मतलब आधी सामर्थ्य तो इन पर लगानी पड़ जायेगी।

इस मामले में पंजाब सचिवालय मुलाज़ीम संगठन के प्रधान सुखचैन सिंह खैहरा ने कहा कि यह निर्देश बेतुका है क्योंकि जिस किसी को लक्षण होने, उसे ही टैस्ट करवाना चाहिए। जिस को कोई मुश्किल नहीं है, उसका टैस्ट कराने के लिए ज़बरदस्ती करना ठीक नहीं है। यदि इस बेतुके निर्देश कारण किसी मुलाज़ीम के साथ ज़िला प्रशासन की तरफ से परेशान किया गया तो सभी मुलाज़ीम जत्थेबंदियाँ इकट्ठे होकर एक्शन लेंगी और इसका पूरा जवाब दिया जायेगा। 

Tania pathak