हरसिमरत कौर के Tweet पर कैप्टन अमरेन्द्र ने दिया जवाब

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 09:18 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): हरसिमरत कौर बादल की नासमझी पर चुटकी लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने उसे खुद के लिए कुछ समय गुजारने और इतिहास का ज्ञान हासिल करने के लिए कहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरसिमरत को उनके विरुद्ध ट्वीटर पर की गई टिप्पणियों द्वारा सारा समय फिजूल न गंवाने की सलाह दी है।


हरसिमरत ने कै. अमरेंद्र सिंह के दादा के विरुद्ध गलत तथ्यों वाली क्रमवार पोस्टें डालकर लोकसभा मतदान के मद्देनजर पंजाब के वोटरों को गुमराह करने और भरमाने की निराशाजनक कोशिशें की हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए कै. अमरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि वह उसके परदादा की तरफ से जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद दिए गए चर्चित शाही भोज के मामले में स्पष्टीकरण देने में असफल रहने के कारण ऐसी कोशिशें कर रही है। अपने दादा के जनरल डायर के साथ संबंधों के बारे में गलत व तथ्य रहित तस्वीरें तथा वीडियो पोस्ट करने के बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर उसे झूठ का सहारा लेने की जगह जनरल डायर को उसके परदादा द्वारा दिए गए भोज संबंधी स्पष्टीकरण देने के लिए कहा। 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पष्ट तौर पर केंद्रीय मंत्री के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि वह, उसके भाई बिक्रम मजीठिया, पति सुखबीर बादल और उसका पिता प्रकाश सिंह बादल उसके परदादा के शर्मनाक कामों के संबंध में माफी मांगने से क्यों असफल रहे हैं। कै. अमरेंद्र सिंह ने उसके मूर्खतापूर्ण ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हरसिमरत बादल तू मुझे गलत इतिहास पढऩे के लिए कह रही है? मेरे दादा के लंदन दौरे की रैंडम वीडियो का जलियांवाला बाग नरसंहार के साथ कोई संबंध नहीं है। नरसंहार वाले दिन जनरल डायर को तुम्हारे परदादा की तरफ से दिए गए शाही भोज पर पर्दा डालने के लिए यह मददगार नहीं होगी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘तू अपनी स्वेच्छा से अपने पुरखों के इतिहास को लगातार अनदेखा करती आ रही है। मैं तुझे गंभीरता से सलाह देता हूं कि तू अपना इतिहास एक तरफ रख और मतदान के बाद इतिहास की खूब पढ़ाई कर क्योंकि तुझे लोग घर बिठाएंगे और तुम्हारे पास फालतू समय होगा। हैप्पी रीडिंग।’’आज यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत स्थिति से बाहर निकलने के लिए व्यर्थ में हाथ-पैर मार रही है और उसके पास अपने परदादा के देशद्रोही और राष्ट्र विरोधी न होने की पैरवी करने के लिए कोई भी तथ्य नहीं है। 

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