कांग्रेस हाईकमान से सीधी लड़ाई करने की तैयारी में नवजोत सिद्धू, कैप्टन से जंग होगी तेज

punjabkesari.in Wednesday, Jun 23, 2021 - 11:46 AM (IST)

पटियाला(मनदीप सिंह जोसन): ‘पंजाब का कैप्टन कौन’ को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के मध्य कुछ समय चुप रहकर शुरू हुई आर-पार की जंग और तेज होती नजर आ रही है। नवजोत सिद्धू ने आज किए ट्वीट में चाहे निशाना एक अंग्रेजी अखबार पर साधा लेकिन भाषा से स्पष्ट लग रहा है कि वह हाईकमान से भी नाराज हैं और हाईकमान के साथ भी सीधी लड़ाई करने की तैयारी कर चुके हैं।

उधर पंजाब का कैप्टन कौन होगा को लेकर आज दिल्ली में जंग जारी है। इधर नवजोत सिंह सिद्धू ने आज भी पटियाला में डेरे लगा रखे और अपनी योजनाबंदी के दाव-पेच तैयार किए। पंजाब केसरी को मिली रिपोर्ट के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू जहां किसी भी तरह झुकने के लिए तैयार नहीं, वहीं कैप्टन अमरेंद्र सिंह भी सिद्धू को मुख्यमंत्री, कांग्रेस प्रधान या डिप्टी सी.एम. बनाने के लिए तैयार नहीं हैं, जिस कारण यह लड़ाई हाईकमान के बस से भी बाहर होती जा रही है। याद रहे कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए पहले ही पूरी तरह स्पष्ट कर दिया था कि उनको कांग्रेस हाईकमान से कोई भी बुलावा नहीं आया।

अमरेंद्र को किसी भी हालत में नाराज करके नहीं लेना चाहता हाईकमान कोई फैसला
कांग्रेस की दिल्ली हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पटियाला में की बड़ी-बड़ी इंटरव्यूज से बेहद परेशान है लेकिन हाईकमान राज्य का चुनाव सिर पर होने के कारण किसी भी तरह कैप्टन अमरेंद्र को नाराज नहीं करना चाहता। दिल्ली में आज भी कोई परिणाम नहीं निकल सका और आगामी दिनों में यह लड़ाई और आगे बढऩे की संभावना है।

धड़ेबंदी के कारण ही हरियाणा में सबसे अधिक सीटें लेकर विरोधी पक्ष में बैठी है कांग्रेस
कांग्रेस की धड़ेबंदी के कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी कुछ समय पहले हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे अधिक सीटें लेकर भी सत्ता से बाहर बैठी है, जहां भाजपा ने अपनी हमख्याली पार्टी को साथ जोड़ कर अपनी सरकार बना ली थी। कांग्रेस के मंथन में यह ही स्पष्ट हुआ था कि हरियाणा में दो पक्षों की लड़ाई के कारण कुछ सीटों के फासले पर सरकार गंवानी पड़ी थी और कांग्रेस हाईकमान पंजाब में अब किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती।

अपना पंजाब मॉडल लागू करवाने के लिए नया रास्ता चुन सकते हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ने गत दिनों जो मीडिया में पंजाब सरकार व कैप्टन अमरेंद्र सिंह कीजो  ऐसी-तैसी की है, उससे स्पष्ट है कि नवजोत सिंह सिद्धू अब अपना पंजाब मॉडल लागू करवाने के लिए कोई नया रास्ता भी चुन सकते हैं। सिद्धू ने ‘पंजाब केसरी’ के साथ पंजाब मॉडल की बात की है, उसको लागू करवाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को ही मुख्यमंत्री बनाना पड़ेगा क्योंकि जिस पंजाब मॉडल की बात वह कर रहे हैं, उसको और कोई भी लागू नहीं कर सकता। नवजोत सिद्धू हर कार्य में हर तरह की पारदर्शता बनाकर रा’य को अमीर बनाना चाहते हैं लेकिन ऐसा तभी होगा यदि नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ पंजाब के मुख्यमंत्री का पद लगेगा और वह इसी एजैंडे पर चल रहे हैं। गत 3 दिनों से चल रहे घटनाक्रम यह स्पष्ट  करते हैं कि यदि हाईकमान ने आने वाले कुछ दिनों  में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए कोई ठोस फैसला न  किया तो वह कोई नया रास्ता भी चुन सकते हैं।
 

पटियाला रह कर 25 किलो भार घटा चुके हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ने लगभग 2 महीनों से पटियाला शहर में अपने पिता के पुश्तैनी घर में डेरे लगाए हुए हैं। सिद्धू का कहना है कि वह अपनी बीमारी को ठीक करने आए हैं, जब भी यह ठीक हो गई तो वह अमृतसर की ओर कूच करेंगे। सिद्धू के मुताबिक वह अपना 25 किलो के करीब भार घटा चुके हैं तथा उनका लिवर ग्रेड 3 पर चला गया था। अब 2 महीनों में ठीक होने के बाद तकरीबन 1 पर आ रहा है, इसलिए वह 2 महीने के बाद इस गर्माती लड़ाई में दोबारा अमृतसर जा सकते हैं।

विधायकों के बेटों को नौकरियां देने के मामले में अमरेंद्र बुरी तरह घिरे
विधायकों के पुत्रों को नौकरियां देने के मामले भी अमरेंद्र बुरी तरह घिरे हुए हैं। कांग्रेस के अंदर भी जहां इसका जबरदस्त विरोध हुआ है, वहीं राज्य की 2 प्रमुख पार्टियां शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने भी अमरेंद्र को घेरा है। जानकारी के अनुसार आज दिल्ली हाईकमान के पास भी इस बात को लेकर काफी गर्मा गर्मी हुई है। अब देखना यह है कि आगामी दिनों में इसके परिणाम क्या निकलते हैं।

 

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Content Writer

Vatika

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